नई फाइनेंस और जनरल कंपनी कैसे बनाई जाती है?
खुद की एक नई कंपनी कैसे बनाई जाती है? क्या आप इसी को सर्च कर रहे हैं? अगर आपका जवाब हां है तो, आप एक सही वेबसाइट तक आ चुके हैं।
इस आर्टिकल में, एक जनरल कंपनी और फाइनेंस कंपनी के रजिस्ट्रेशन के बारे में विस्तार से बताया गया है।
साथ ही, अलग-अलग कंपनियों के प्रकार के बारे में बताया गया है, ताकि आप अपने लिए सही प्रकार के कंपनी का चुनाव कर सकें।
नई कंपनी कैसे खोलें?
|
फाइनेंस कंपनी खोलने के विकल्प
अक्सर लोगों का प्रश्न होता है कि फाइनेंस कंपनी कैसे खोलें? भारत में फाइनेंस की कंपनी खोलने के लिए आपके पास 6 विकल्प है। पहले 6 विकल्पों को अच्छे से जान लीजिए, आगे खोलने क का तरीका बताया जाएगा।
- निधि कंपनी
- गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियाँ (एनबीएफसी)
- ट्रस्ट और सोसायटिज (क्रेडिट कोऑपरेटिव)
- धारा 8 के माध्यम से माइक्रो फाइनेंस
- निर्माता कंपनियाँ (Producer companies)
- स्थानीय वित्त लाइसेंस (Local Finance License)
1. निधि कंपनी: खुद की फाइनेंस कंपनी खोलने का सबसे बेहतरीन विकल्प
अगर आपके पास ₹500000 की पूंजी है तो आप निधि कंपनी का रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। रजिस्ट्रेशन करने के बाद, निधि कंपनी अपने कस्टमर को लोन दे सकती है और जमा स्वीकार कर सकती है।
निधि कंपनी को शुरू करने के लिए सात व्यक्तियों की आवश्यकता होती है, जिनमें से तीन व्यक्तियों को कंपनी के निदेशक के रूप में चुनना होगा।
निधि कंपनियां 2014 के निधि नियमों द्वारा नियमित प्रकार की एक विशेष प्रकार की एंटिटी होती हैं और वित्त व्यापार शुरू करने के लिए विशेष लाइसेंस की आवश्यकता नहीं होती है।
2. गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियाँ (एनबीएफसी) कैसे खोलें
गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) का रजिस्ट्रेशन भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से होता है। अगर आपके पास कम से कम 2 करोड रुपए की मूलधन है, तभी आप रिजर्व बैंक आफ इंडिया से लाइसेंस लेने में कामयाब होंगे।
आरबीआई से लाइसेंस लेना मुश्किल माना जाता है और इस प्रक्रिया को पूरे होने में लगभग 6 महीने का समय लगता है।
अगर आप एनबीएफसी का मान्यता आरबीसी ले लेते हैं तो, विदेशी निवेश स्वीकार कर सकते हैं। एक एनबीएफसी (जैसे बजाज फिनसर्व) छोटे से बड़ा लोन एवं क्रेडिट कार्ड की सेवा दे सकता हैं।
3. ट्रस्ट और सोसाइटी (क्रेडिट सहकारी)
अगर आप जिले स्तर पर फाइनेंस का कारोबार करना चाहते हैं तो इसके लिए आप सोसाइटी या ट्रस्ट का रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं।
इसकी सबसे अच्छी बात है कि बहुत कम पूंजी की लागत से शुरू कर सकते हैं। यही नहीं इसका रजिस्ट्रेशन प्रोसेस बहुत ही आसान होता है।
रजिस्ट्रेशन के बाद आप कस्टमर से रुपया जमा ले सकते हैं। इसकी सबसे बड़ी खराबी है कि, इसका डायरेक्टर इलेक्शन के द्वारा चयन होता है। यानी कि इसका मालिक बादल भी सकता है।
4. धारा 8 के माध्यम से माइक्रो फाइनेंस कंपनी कैसे खोलें
धारा 8 के माध्यम से माइक्रो फाइनेंस कंपनी का स्थापना आप कर सकते हैं। एनबीएफसी से कम पूंजी लगता है। माइक्रो फाइनेंस की कंपनी खोलने के लिए आपको, अब आरबीआई का चक्कर लगाने की जरूरत नहीं है।
वित्तीय जानकारी का कहना है कि, यदि आप भारत में कंपनी शुरू करना चाहते हैं, तो बेहतर है कि आप माइक्रो फाइनेंस कंपनी की बजाय निधि कंपनी का चयन करें।
5. प्रोड्यूसर कंपनी कैसे शुरू करें
प्रोड्यूसर कंपनी कंपनी निधि के तरह ही काम करती है लेकिन यह ज्यादा उपयुक्त किसान भाइयों के लिए होता है।
प्रोड्यूसर कंपनी में काम से कम 10 लोगों की आवश्यकता होती है। इस कंपनी को भी 5 लाख की पूंजी से शुरू किया जा सकता है।
6. राज्य कानून के तहत लोकल फाइनेंस कंपनी कैसे खोलें
राज्य सरकार के कानून के तहत लोकल फाइनेंस कंपनी का लाइसेंस लेने के लिए 10 व्यक्तियों का समूह होना चाहिए।
भारत के अलग-अलग राज्यों के अनुसार ₹200000 से लेकर ₹500000 तक की पूंजी की आवश्यकता होगी।
Khud Ki Finance Company Kaise Khole
कंपनी टाइप | रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी |
निधि कंपनी | कॉर्पोरेट मामलों मंत्रालय (MCA) |
गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी | रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया |
सोसाइटी और ट्रस्ट | रजिस्ट्रार |
माइक्रो फाइनेंस कंपनी | कॉर्पोरेट मामलों मंत्रालय (MCA) |
प्रोड्यूसर कंपनी | कॉर्पोरेट मामलों मंत्रालय (MCA) |
लोकल फाइनेंस कंपनी | वित्त मंत्रालय, राज्य सरकार |
खुद की फाइनेंस कंपनी खोलने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें:
स्टेप 1: अलग-अलग प्रकार के फाइनेंस कंपनियों के लिए, अलग लोगों की संख्या की आवश्यकता होती है, उसके अनुसार लोगों का समूह बनाएं।
स्टेप 2: रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी के दिशा निर्देश के अनुसार डॉक्यूमेंटेशन की तैयारी करें। इसके अलावा कैपिटल को इकट्ठा करें।
स्टेप 3: संबंधित अथॉरिटी के पास सारे डॉक्यूमेंट के साथ ऑनलाइन या ऑफलाइन अप्लाई करें।
कंपनी क्या है?
कुछ प्रशिक्षित अधिकारी मिलकर जब एक संगठन चलाते हैं तो वह एक company कहलाती है। Company का निर्माण मौजूद shareholders द्वारा सामान बेचने और खरीदने के लिए या सेवाओं के लेन देन के लिए किया जाता है।
कुछ companies लाभकारी संगठन से जुड़ी होती है और कुछ companies गैर-लाभकारी संगठन के लिए भी काम करती है। सिर्फ एक व्यक्ति किसी company को नहीं चला सकता है। Company चलाने के लिए बहुत लोगों की जरूरत होती है।
वे कई व्यक्तियों को रोजगार भी प्रदान करते हैं। Companies को अधिकार होता है कि वे दूसरी companies के share खरीदें और अपने नाम करें।
Company अपनी पूंजी वृद्धि के लिए market से loan भी लेती है और अपने share बेच कर पैसे इकट्ठा भी कर सकती है। यानि कि अगर कानूनी तौर पर देखा जाए तो हर तरह के companies को एक जैसा ही अधिकार और responsibilities होती है।
इसके साथ ही उन्हें कुछ कानूनी नियम का पालन भी करना होता है। अगर कोई कानून के बनाए हुए rules को follow नहीं करे तो उन्हें दंडनीय अपराध भी होता है।
Company कितने प्रकार की होती है?
भारत में वर्तमान समय निम्नलिखित प्रकार के कंपनी होते हैं. पहले आपको यह जान लेना चाहिए ताकि आप निर्णय ले सके कि आपको कौन सी प्रकार की कंपनी खोलना है.
1) One Person Company
Company व्यक्तियों के आधार पर भी बनाई जाती है। लेकिन कुछ लोग अपना business स्टार्ट करना चाहते हैं लेकिन उनके पास पूंजी नहीं होती है। ऐसे में कोई व्यक्ति अकेले ही young entrepreneurs को प्रेरित करने के लिए company का निर्माण करते हैं और अपने business को धीरे-धीरे बढ़ाते हैं।
2) Private Limited Company
Private limited company उसे कहते हैं जिसमें दो या दो से ज्यादे लोग company अधिनियम के अंतर्गत registered होते हैं और अपनी company बनाते हैं।
वे कोई business तय कर लेते हैं और उससे जुड़ी सारे प्रशिक्षित वस्तुओं की जानकारी लेकर company स्टार्ट करते हैं।
3) Public Limited Company
वह company जो कानूनी वस्तुओं के साथ minimum 7 लोगों द्वारा बनाई जाती है। उसे public limited company कहते हैं।
ऐसे company में अधिकतम लोगों की कोई limit नहीं है। क्योंकि ये एक registered company होती है। ऐसे company को अपने शेयर shares स्वतंत्र तौर पर बेचने और खरीदने की छूट होती है।
4) Limited Liability Partnership (LLP)
कोई company ऐसी होती है जो कुछ साझेदारों द्वारा शुरू की जाती है। किसी भी company को चलाने के लिए 2 या उससे ज्यादे साझेदार उस company के owner के हकदार होते हैं।
कंपनी का रजिस्ट्रेशन कैसे होता है
Company के registration में कितना समय लगता है? किसी भी private limited company के registration में 14-20 days का टाईम लगता है। Registration के लिए लगने वाला टाईम customer कस्टमर के documents जमा करने और government द्वारा इसकी स्वीकृति में कितना समय लगता है इस पर depend करता है।
इसलिए company का अलग और unique रखना चाहिए और documents registration process स्टार्ट होते ही जमा करना चाहिए। ताकि company जल्द ही registered हो जाए।
Company के लिए minimum & maximum कितने shareholders की आवश्यकता होती है?
Private limited company स्टार्ट करने के लिए minimum 2 और maximum 200 shareholders का permission MCA देता है। जबकि इसके minimum 2 director और maximum 15 director हो सकते हैं।
Company के director के लिए क्या eligibility होनी चाहिए?
Director बनने के लिए किसी भी व्यक्ति की उम्र minimum 18 साल होनी चाहिए। योग्यता संबंधी कोई rule fix नहीं है।
इसलिए कोई आम व्यक्ति भी company का director बन सकता है। Director बनने के लिए citizenship का कोई बाध्यता नहीं है। इसलिए कोई foreigner भी India के private limited company का director बन सकता है।
Company स्टार्ट करने के लिए कितने पूंजी की आवश्यकता होगी?
जो भी व्यक्ति प्राइवेट लिमिटेड कंपनी शुरू करना चाहते हैं उन्हें पूंजी की जरूरत होगी। Capital money के तौर पर वह amount कुछ भी हो सकती है।
Company स्टार्ट करने के लिए government को fees के रुप में minimum 1 लाख रुपए share के तौर पर देना जरूरी है। ये money authorised capital fee के रूप में company के registration के दौरान देने होते हैं।
क्या कंपनी शुरू करने के लिए office भी होना चाहिए?
Company स्टार्ट करने के लिए जगह की जरूरत होती है, जहां से company चलाई जाती है और उसी address पर company registered होती है।
ये जगह commercial, industrial & residential area में भी हो सकती है। ताकि MCA इसी address पर correspondence कर सकें। शुरुआत अपने घर के एड्रेस से भी कर सकते हैं।
Company के registration के लिए आवश्यक documents क्या हैं?
Company के registration के दौरान identity proof & address proof देना हर director के लिए जरूरी है। कंपनी के registration के लिए Indian citizen को pan card भी होना आवश्यक है।
कपंनी जिस address पर registered कराना हो उसका proof भी देना जरूरी है। अगर जगह rent पर हो तो मकान मालिक से NOC देना भी जरूरी है।
Company जिसके नाम पर registered कराना है उसका identity proof और पत्राचार प्रमाण पत्र देना भी आवश्यक है। जिस address पर company registered करना हो उस address का भी प्रमाण पत्र देना आवश्यक है।
Khud Ki Company Kaise Khole: ऑफलाइन और ऑनलाइन
खुद की कंपनी खोलने के लिए आज के समय आपके पास दोनों ही विकल्प हैं चाहे तो आप ऑफलाइन या ऑनलाइन अप्लाई कर सकते हैं.
ऑफलाइन अप्लाई करने के लिए आपको Company के registration के लिए फॉर्म INC-29 भरकर आवश्यक documents attach कर के registrar of companies के office में जमा करवाना होगा.
अगर MCA registration के लिए दिए गए नाम को स्वीकार कर लेता है तो वह incorporation जारी करेगा और यदि नाम स्वीकार नहीं किया जाता है तो नया नाम देना होगा।
कंपनी रजिस्ट्रेशन के लिए मौजूदा समय में तीन विकल्प होते हैं:
Basic fast track
Company registered करने के लिए first package basic fast track है। जिसमें वैसे fees आते हैं जो कंपनी registered करने के लिए आवश्यक हैं। Basic fast track package 15899 रुपए का है।
इस package में जरूरी सारे fees शामिल हैं। इसमें 2 DSC, 2 DIN, MOA, AOA, नाम की स्वीकृति, पैन, टैन तथा सरकारी fees भी शामिल है।
Fast track
MCA के standard fast track package के अंतर्गत जो व्यक्ति private limited company registered करना चाहते हैं।
उसके लिए इसमें सारी जरूरी चीजों को शामिल किया गया है। इस package के अंतर्गत registration fees 19,899 है। इसमें accounting, software setup, share certificate & company folder इत्यादि शामिल है।
Premium fast track
Premium fast track package के अंतर्गत उन सारी चीजों को शामिल किया गया है जिससे आप अपनी company स्टार्ट कर सकें।
इसमें accounting, software, share certificate, company folder & trademark registration शामिल हैं। इसमे 5899 रुपए फीस देने होंगे और company registered हो जाएगी।
नए बिजनेस के लिए लोन |
अगर आप चाहते हैं कि ऑनलाइन रजिस्टर्ड करें तो आपको भारत सरकार के इंटरनल अफेयर्स के वेबसाइट पर जाना होगा. कुछ मार्गदर्शन दिए गए हैं जिससे आपको अप्लाई करने में आसानी होगी: उदाहरण के तौर पर, फाइनेंस कंपनी कैसे खोलें?
- सबसे पहले फाइनेंस कंपनी से संबंधित नाम को सर्च करें जो अभी उपलब्ध है.
- जब आपको अपने पसंद का नाम मिल जाए तो उसके बाद आप, एमसीए के वेबसाइट रजिस्ट्रेशन पेज पर जाएं.
- सबसे पहले साइन अप का प्रोसेस पूरा करें.
- नये लॉगिन आईडी एवं पासवर्ड से लॉगिन करें.
- मांगे गए सही जानकारी को सही से भर दें.
- सभी संबंधित डॉक्यूमेंट को अपलोड कर दें.
- टर्म एवं कंडीशन को ठीक करना ना भूलें.
- सबमिट करने के बाद अपना ईमेल को चेक करें.
जी हां दोस्त, ऑनलाइन प्रोसेस आज के समय बहुत ही आसान है. मेरे हिसाब से एक बार हिम्मत जुटाए आप अपने पसंद का फाइनेंस या कोई अन्य कंपनी खोल सकते हैं.
Conclusion Points
Company kholne ke liye kya karna padta hai? इस article को पढ़ने के बाद आपको समझ में आ गया होगा.
फिर भी आप एक बार संक्षेप में याद रख लीजिए. सबसे पहले अपने पसंद के कंपनी के नाम को एमसीए के वेबसाइट पर सर्च कीजिए कि वह अभी के समय मौजूद हैं या कोई रजिस्टर्ड कर चुका है.
जब आपको अपने पसंद का नाम मिल जाए तो आप एक एड्रेस प्रूफ का जुगाड़ कीजिए और ज्वाइंट अकाउंट खुलवा लीजिए. बाकी अपने सभी केवाईसी के डॉक्यूमेंट को ठीक कर लीजिए. उसके बाद अप्लाई कर दीजिए.
कंपनी खोलने के बाद, आप को सबसे अधिक आवश्यकता पूंजी की होगी. अगर आपके पास अपना पूंजी है तो सबसे अच्छी बात है. अगर नहीं है तो आप लोन के विकल्प पर सो सकते हैं.
बिजनेस लोन
- पीएसबी बिजनेस लोन
- एचडीएफसी बैंक
- पैसा बाजार
- बजाज फाइनेंस
- बैंक ऑफ इंडिया
- बैंक ऑफ बड़ौदा
- केनरा बैंक
- श्रीराम फाइनेंस
- पंजाब नेशनल बैंक
- आदित्य बिरला
- सेंट्रल बैंक
- यूनियन बैंक
- महिंद्रा फाइनांस.
3r Indian fainsh
नई फाइनेंस या सामान्य कंपनी का रजिस्ट्रेशन से संबंधित कोई प्रश्न हो तो कृपया पूछें।