वह व्यक्ति जो अपना ऋण चुकाने में असमर्थ घोषित हो गया हो

वह व्यक्ति जो अपना ऋण चुकाने में असमर्थ घोषित हो गया हो, उस व्यक्ति के साथ बैंक या कोई वित्तीय संस्थान क्या करता है?

इस प्रश्न के उत्तर की गुत्थी सुलझाने के लिए, मैंने आपके लिए छोटा सा Research किया हूँ, जिसमें कई वकील से सलाह मशवरा किया है। आपके लिए यह आर्टिकल मददगार साबित होगा, आखिर तक FAQs पढ़िए।

वह व्यक्ति जो अपना ऋण चुकाने में असमर्थ घोषित हो गया हो

मेरे प्यारे दोस्त, आप बहुत सही जगह पर पहुंच चुके हैं. इस प्रश्न का आपको सही उत्तर आसान शब्दों में दिया जाएगा. हमारे साथ आखिर तक बने रहिए. 

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वह व्यक्ति जो अपना ऋण चुकाने में असमर्थ घोषित हो गया हो: दिवालिया

भारत का कोई भी नागरिक, अगर वह चाहे तो कोर्ट के समक्ष अपने आप को दिवालिया घोषित कर सकता है. 

भारतीय कानून के मुताबिक, कोई भी भारतीय व्यक्ति अगर ₹500 या उससे अधिक उधार लिया गया रुपया को लौटाने की हालत में नहीं है. 

वह व्यक्ति अदालत के समक्ष अपने आप को दिवालिया घोषित करवाने के लिए अदालत में अर्जी दे सकता है. जब तक कोर्ट फैसला नहीं सुना देता है, तब तक उस व्यक्ति को दिवालिया नहीं माना जा सकता है. कोर्ट का फैसला आने में काफी समय लगता है. 

कोर्ट से दिवालियापन घोषित होने के फायदें और नुकसान

फायदा: जेल जाने से बच सकता है, कैसे? ठीक से समझिए, मान लीजिए कि किसी व्यक्ति ने बैंक या किसी अन्य संस्था से लोन लिया है और वह लोन चुकाने के लिए पूरी तरह असमर्थ हो चुका है. 

ऐसी स्थिति में बैंक अदालत का दरवाजा खटखटाती है. अगर अदालत फैसला देता है कि कर्जदार के रखे हुए गिरवी संपत्ति का नीलामी किया जाए. 

नीलामी के बाद, जो भी राशि आती है. उस राशि से सबसे पहले बैंक अपना लोन, ब्याज़ एवं कानूनी कार्रवाई में जो भी खर्च आती है उसे वसूल करती है. 

नीलामी के बाद भी, यह तीनों पूरा खर्चे को बैंक वसूल नहीं कर पाती हैं तो फिर से वह अदालत जाती है और फौजदारी का मामला चलाती है. 

सलाह: आप को वकील और बैंक के संबंधित अधिकारियों से मिलना चाहिए।

ऐसी स्थिति में कर्जदार को जेल जाना पड़ सकता है, लेकिन कुछ चलाक लोग, इससे पहले ही अपने आप को दिवालिया कोर्ट के द्वारा घोषित करवा लेते हैं. 

भारतीय कानून के मुताबिक, ऐसे लोगों को कोर्ट छोड़ देती है, क्योंकि उसने पहले ही अपने आप को दिवालिया घोषित कर दिया है. दिवालिया घोषित करने पर कर्जदार को जेल नहीं जाना पड़ता है. 

नुकसान: नीलामी के बाद, बची हुई राशि कर्जदार को नहीं मिलता है. बच्ची की राशि से पहले सरकारी टैक्स भरा जाता है, उसके बाद भी अगर बच जाए तो केंद्र एवं राज्य सरकार के बीच में बांट दिया जाता है. 

खुद को या अपने कंपनी को दिवालिया कैसे घोषित करें?

खुद को या अपने कंपनी को दिवालिया घोषित करने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:

  • पहला कदम – सबसे पहले वकील और बैंक से परामर्श करें.
  • दूसरा कदम – एक अच्छे वकील की मदद से कोर्ट में एप्लीकेशन दें.
  • तीसरा कदम – कोर्ट जो भी डेट दे उस डेट को अटेंड करें.

दिवालिया घोषित होने की प्रक्रिया थोड़ी लंबी है, इसमें 180 दिनों का कम से कम समय लगता है.

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Conclusion Points 

वह व्यक्ति जो अपना ऋण चुकाने में असमर्थ घोषित हो गया हो तो, क्या होता है आप अच्छे से समझ चुके होंगे. 

फिर भी आप को संक्षेप में बता दें कि, अगर कर्जदार कर्ज अदायगी के लिए अपने आप को असमर्थ या दिवालिया कोर्ट के द्वारा घोषित कर दे तो जेल जाने से बच सकता है. 

लेकिन नीलामी के बाद, कानूनी कार्रवाई व अदालती खर्चे, लोन और ब्याज चुकाने के बाद, राशि बच जाए तो वह सरकार के टैक्स की अदायगी में चला जाता है. उसके बाद भी बच जाए तो केंद्र एवं राज्य सरकारों के बीच में बांटा चले जाता है. 

दिवालिया व्यक्ति को नीलामी के बाद, बचा हुआ राशि नहीं मिलता है, अगर घट जाए तो उस पर फौजदारी का मामला नहीं चलता है. ऐसे में वह जेल जाने से बच सकता है.

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FAQs 

लेख का यह अनुभाग बहुत ही महत्वपूर्ण है. खास करके उन लोगों के लिए जो लोन लेने के बाद कर्ज अदायगी के लिए पूरी तरह असमर्थ हो जाता है. 

इससे संबंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्नों को इस अनुभाग में शामिल किया गया है. प्रश्नों के उत्तर को ध्यानपूर्वक पढ़िए. आप ज्यादा से ज्यादा जानकारी प्राप्त कर सकेंगे. 

प्रश्न (1) – ऋण चुकाने में असमर्थ घोषित होने के क्या परिणाम होते हैं?

उत्तर – ऋण चुकाने में असमर्थ घोषित होने के परिणाम गंभीर हो सकते हैं. उधारकर्ता को सभी बकाया राशि का तुरंत भुगतान करने की आवश्यकता हो सकती है, और यह विलंब शुल्क और दंड के अधीन भी हो सकता है. 

इसके अतिरिक्त, उधारकर्ता का क्रेडिट स्कोर नकारात्मक रूप से प्रभावित हो सकता है, जिससे भविष्य में ऋण प्राप्त करना मुश्किल हो जाता है. चरम मामलों में, loan चुकाने के लिए उधारकर्ता पर मुकदमा भी चलाया जा सकता है या संपत्ति को जब्त कर लिया जा सकता है. 

प्रश्न (2) – ऋणदाता कैसे निर्धारित करते हैं कि कोई व्यक्ति ऋण चुकाने में असमर्थ है या नहीं?

उत्तर – एक तरह से ऋणदाता या बैंक यह निर्धारित करते हैं कि कोई व्यक्ति लोन चुकाने में असमर्थ है या नहीं, यह उनके चल और अचल संपत्ति के साथ इनकम को देख कर करते हैं. 

यदि व्यक्ति का चल और अचल संपत्ति या आय कम है, साथ ही उन्होंने लंबे समय से लोन का किस्त नहीं भरा हो। स्थिति को देखते हुए कोई भी वित्तीय संस्थान या बैंक निर्णय लेती है कि ऋण लेने वाला व्यक्ति ऋण चुकाने के लायक नहीं है।

प्रश्न (3) – खुद को घोषित करने के लिए एक उधारकर्ता को कौन से कदम उठाने चाहिए?

उत्तर – एक उधारकर्ता को जो पहला कदम उठाना चाहिए, वह है ऋणदाता के स्थानीय कार्यालय का दौरा करना और एक औपचारिक आवेदन भरना चाहिए. 

अगला कदम आय और संपत्ति के प्रमाण के साथ-साथ ऋणदाता द्वारा आवश्यक किसी भी अन्य दस्तावेज को प्रदान करना है. 

एक बार आवेदन स्वीकृत हो जाने के बाद, उधारकर्ता को लोन समझौते पर हस्ताक्षर करने और डाउन पेमेंट करने के लिए कहा जाएगा. 

अंतिम चरण ऋण पर नियमित भुगतान करना है जब तक कि इसका पूरा भुगतान न हो जाए. 

प्रश्न (4) – कर्ज नहीं चुका पाने के क्या परिणाम होते हैं?

उत्तर – जब कोई व्यक्ति या कंपनी ऋण लेती है, तो उनसे ऋण को पूर्ण ब्याज सहित चुकाने की अपेक्षा की जाती है। यदि वे ऋण नहीं चुकाते हैं, तो परिणाम गंभीर हो सकते हैं. 

ऋणदाता बकाया धन की वसूली के लिए कानूनी कार्रवाई कर सकता है, और उधारकर्ता अपने क्रेडिट स्कोर और प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा सकता है. 

कुछ मामलों में, ऋण को सुरक्षित करने के लिए उपयोग की जाने वाली संपार्श्विक को वापस लिया जा सकता है। ऋण नहीं चुकाने के गंभीर वित्तीय और कानूनी परिणाम हो सकते हैं. 

प्रश्न (5) – अगर कोई व्यक्ति कर्ज नहीं चुका पाता है, तो उसे चुकाने के लिए वह कौन से कदम उठा सकता है?

उत्तर – पहला कदम जो व्यक्ति उठा सकता है वह है ऋणदाता से संपर्क करना और पुनर्भुगतान योजना तैयार करने का प्रयास करना चाहिए. 

यदि यह संभव नहीं है, तो व्यक्ति धन जुटाने के लिए कुछ संपत्ति बेचने का प्रयास कर सकता है. एक अन्य विकल्प दोस्तों या परिवार से पैसे उधार लेना है. 

अंत में, यदि अन्य सभी विफल हो जाते हैं, तो व्यक्ति दिवालिया घोषित कर सकता है. ऐसी स्थिति में दिवालिया व्यक्ति जेल जाने से बच सकता है. 

प्रश्न (6) – जिन लोगों को लोन चुकाने में कठिनाई होती है, उनके लिए क्या विकल्प हैं?

उत्तर – ऐसे व्यक्तियों के लिए कई विकल्प उपलब्ध हैं जिन्हें लोन चुकाने में कठिनाई होती है. एक विकल्प सहायता समूहों या परामर्श की तलाश करना चाहिए। 

अपने आय बढ़ाने के विभिन्न स्रोतों पर शोध करना चाहिए। एक्स्ट्रा इनकम के लिए कोई पार्ट टाइम काम भी शुरू करना चाहिए। उसे बचत करना चाहिए और हो सके तो अपने परिवार के अन्य सदस्यों को भी काम पर लगाना चाहिए।

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