किसान क्रेडिट कार्ड धारक की मृत्यु होने पर: क्या होता है नियम जानिए

किसान क्रेडिट कार्ड धारक की मृत्यु होने पर क्या होता है? क्या आप इसी के सही नियमों को जानना चाह रहे हैं? आइए पूरे विस्तार से जानते हैं

यदि कृषि लोन का भुगतान नहीं किया जाता है तो क्या होता है? इस प्रश्न का उत्तर को गूगल पर सर्च करने वाले आप अकेले व्यक्ति नहीं हैं. भारत में आर्थिक उथल-पुथल के बीच लाखों लोग हैं जो इस प्रश्न के उत्तर को सर्च कर रहे हैं. 

यदि कृषि ऋण का भुगतान नहीं किया जाता है तो क्या होता है

इस आर्टिकल के माध्यम से हमारी कोशिश होगी कि कम शब्दों में आपको सटीक जानकारी दी जाए ताकि आप पहले से ज्यादा सुरक्षित रहें. 

सबसे पहले सुरक्षित और असुरक्षित लोन को जान लीजिए. सुरक्षित लोन जब कभी आप लेते हैं तो इसके बदले आप कोई ना कोई संपत्ति को बैंक के पास गिरवी रखते हैं. 

जैसे आपने कृषि लोन लिया होगा तो ऐसे में आपने बैंक के पास अपने जमीन या किसी अन्य संपत्ति के कागज़ात को जमा किया होगा. 

असुरक्षित लोन ज्यादातर केस में बिजनेसमैन को मिलता है उसके बदले उसे किसी प्रकार के संपत्ति को गिरवी रखने की आवश्यकता नहीं होती है. अगर असुरक्षित लोन को ना चुकाया जाए तो बैंक सिर्फ कर्जदार का सिविल स्कोर को खराब कर देता है. 

दूसरी तरफ भारतीय किसान को केसीसी या कृषि लोन, सुरक्षित लोन के रूप में बैंक देती है ऐसे में भारतीय किसानों को हर कीमत पर लोन अदा करना होता है या फिर उसे जेल जाना होता है. 

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अगर समय पर कृषि लोन का भुगतान ना किया जाए तो

किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत अगर किसी किसान भाई ने लोन लिया और उसकी किसी भी वजह से मौत हो जाए. तो बैंक उनके परिवार के साथ क्या कर सकती है, नियम जानिए.

रिकवरी एजेंट: सबसे पहले बैंक आपके घर पर रिकवरी एजेंट को भेजेगा या फिर रिकवरी एजेंट आपको फोन कॉल करेगा. 

नोटिस: उसके बाद भी अगर आप लगातार 3 या उससे अधिक किस्त को जमा नहीं कर पाते हैं तो बैंक आपके घर पर नोटिस भेज सकती है. 

सेटलमेंट: अगर आप नोटिस मिलने के बाद, नोटिस का जवाब देते हैं या फिर बैंक के जाकर के सेटलमेंट करते हैं तो ऐसे में आपका लोन की अवधि को बढ़ा दिया जाएगा. 

लोन की अवधि को बढ़ाने के बाद, आपका ईएमआई कम हो जाएगा लेकिन आपको लंबे समय तक देना होगा. 

डिफॉल्टर: नोटिस का जवाब नहीं देने पर, बैंक आपको डिफॉल्टर घोषित कर देगा. जैसे ही आप डिफॉल्टर घोषित हो जाएंगे. आपका तुरंत सिबिल स्कोर इतना खराब हो जाएगा कि आप भविष्य में लोन लेने लायक नहीं रहेंगे. 

एनपीए: डिफॉल्टर लोन को बैंक एनपीए में बदल देती है. एनपीए में बदलते ही बैंक को अधिकार होता है कि वह लोन की राशि की वसूली के लिए मामले को कोर्ट ले जा सकती है. 

कोर्ट: उसके बाद लोन का पूरा मामला कोर्ट में चलेगा और उस संबंध में कोर्ट आपको हाजिरी देने को कहेगा. 

अगर आप लोन, ब्याज एवं कानूनी कार्रवाई में हुए खर्चे को कोर्ट के माध्यम से बैंक को लौटा देते हैं तो आपका मामला रफा-दफा हो जाएगा. 

नीलामी: अगर आप कोर्ट के समक्ष इस बात की घोषणा कर देते हैं कि आप लोन का भुगतान करने में पूरी तरह असमर्थ हैं तो ऐसे में कोर्ट फैसला देगा कि आपके द्वारा बैंक के पास रखी हुई गिरवी संपत्ति को नीलाम कर दें. 

आपकी संपत्ति के नीलामी के बाद, जो भी राशि आएगा उस राशि से सबसे पहले लोन की पूरी राशि, ब्याज एवं कानूनी खर्चे में हुए खर्चों को लिया जाएगा. 

उसके बाद अगर कुछ पैसे बच जाए तो आपको वापस कर दिया जाएगा. अगर घट जाए तो आप पर फौजदारी का मामला चलेगा. 

जेल: फिर से कोर्ट केस चलेगा जिसमें कोर्ट आपको दोबारा विकल्प देगा कि इस राशि को आप कोर्ट के द्वारा बैंक को जमा कर दें. अगर आप उस राशि को जमा करने में असमर्थ होते हैं तो ऐसे में आप को जेल जाना पड़ सकता है. 

संपत्ति के नीलामी से क्यों बचना चाहिए? 

अगर आप कोर्ट के सामने लोन की अदायगी के लिए असमर्थता घोषित करते हैं तो ऐसे में आपका संपत्ति का नीलामी करने का अधिकार बैंक के पास आ जाता है. 

जब आपके संपत्ति को बैंक ने नाम करती है तो ऐसे में बहुत ज्यादा चांसेस होते हैं कि आपके संपत्ति को मार्केट प्राइस से कम रुपया मिले. 

अक्सर यह देखने को मिलता है कि, अगर किसी संपत्ति को तुरंत बेचा जाए तो ऐसे में कम पैसे मिलते हैं. 

दूसरी तरफ, कानूनी कार्रवाई एवं अदालती खर्च को बैंक आपके लोन में जोड़ देती है. इस तरह से आपका लोन की राशि बढ़ जाता है. 

इसीलिए जानकारों की मानें तो नीलामी से हर कीमत पर बचना चाहिए. अगर आप समय रहते ही अपनी संपत्ति को बेच कर के लोन की अदायगी कर देंगे तो ऐसे में आप फायदे में रहेंगे. 

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Conclusion Points 

यदि कृषि ऋण का भुगतान नहीं किया जाता है तो क्या होता है? अब मुझे पूर्ण रूप से भरोसा है कि आप इस प्रश्न के उत्तर को बेहतर ढंग से समझ गए होंगे. अब आप पहले से ज्यादा सुरक्षित महसूस कर रहे होंगे. 

मेरी राय में, नीलामी से बचना एक बेहतर विकल्प है. नीलामी से बचने के लिए सबसे पहला स्टेप है कि आपको जब भी नोटिस आए तो बैंक जाकर के सेटलमेंट करें. 

जब आप बैंक के साथ सेटलमेंट करेंगे तो ऐसे में आपका ही में EMI को कम कर दिया जाएगा और लोन को लंबी अवधि के लिए बढ़ा दिया जाएगा. 

अगर आप इस विकल्प को साथ नहीं जाना चाहते हैं तो, आप दूसरे विकल्प को चुन सकते हैं. समय रहते ही अपनी संपत्ति को सही कीमत पर बेचकर के लोन की अदायगी कर सकते हैं.

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FAQs 

खेती गृहस्ती के लिए भारत के करोड़ों किसान लोन लेते हैं. फसल क्षति हो जाने पर बहुत सारे ऐसे किसान हैं जो लोन की किस्त को जमा नहीं कर पाते हैं. 

ऊपर से कभी सरकार लोन माफ करती भी है या नहीं भी करती है. कुछ ऐसे भी किसान भाई हैं जो लोन ले करके परेशान हैं, उन लोगों के लिए कुछ महत्वपूर्ण प्रश्नों को इस आर्टिकल में शामिल किया गया है. 

प्रश्न (1) – कृषि ऋण का पैसा माफ होगा या नहीं? 

उत्तर – सरकार ने अभी इस मामले पर कोई बयान जारी नहीं किया है, लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि कृषि लोन का पैसा माफ किया जाएगा. कुछ का मानना है कि हफ्तों से विरोध कर रहे किसानों को शांत करने के लिए सरकार कर्ज माफ करेगी. 

दूसरों का मानना है कि सरकार कर्ज माफ नहीं करेगी क्योंकि ऐसा करना एक मिसाल कायम करेगा और बहुत महंगा होगा. सच तो यह है कि कोई नहीं जानता कि सरकार क्या करेगी. 

प्रश्न (2) – कृषि ऋण में किसान की मृत्यु होने पर क्या होता है? 

उत्तर – कृषि लोन में किसान की मृत्यु होने की स्थिति में लोन लेने वाले को तुरंत पूर्ण रूप से ऋण का भुगतान करना होता है. लोन चुकाने के लिए संपार्श्विक को जब्त कर लिया जा सकता है और बेचा जा सकता है. 

प्रश्न (3) – कृषि ऋण का भुगतान न करने के क्या परिणाम होते हैं?

उत्तर – कृषि लोन का भुगतान न करने के परिणाम काफी गंभीर हो सकते हैं. कुछ मामलों में, बैंक संपार्श्विक (आमतौर पर भूमि या फसल) पर कब्जा कर सकता है और इसे लोन चुकाने के लिए बेच सकता है. 

उधारकर्ता पर कानूनी कार्रवाई और जुर्माना भी लगाया जा सकता है. इसके अलावा, उधारकर्ता का क्रेडिट स्कोर नकारात्मक रूप से प्रभावित होगा, जिससे भविष्य में लोन प्राप्त करना मुश्किल हो जाएगा. 

प्रश्न (4) – मैं कैसे पता लगा सकता हूं कि मैं कृषि ऋण भुगतान कर सकता हूं या नहीं? 

उत्तर – यह पता लगाने का सबसे अच्छा तरीका है कि क्या आप कृषि ऋण का भुगतान कर सकते हैं, एक वित्तीय सलाहकार या संबंधित बैंक के एकाउंटेंट से बात करना चाहिए।

वे आपकी वर्तमान वित्तीय स्थिति और आपके द्वारा प्रत्येक माह में आने वाली राशि के आधार पर आपको बता सकेंगे. 

प्रश्न (5) – भारत में कृषि ऋण के नियम और शर्तें क्या हैं?

उत्तर – भारत में कृषि लोन के नियम और शर्तें लोन के प्रकार, बैंक और उधारकर्ता के आधार पर भिन्न होती हैं. 

हालाँकि, कुछ सामान्य शर्तें हैं जो आमतौर पर इस प्रकार के ऋणों से जुड़ी होती हैं. उदाहरण के लिए, भारत में अधिकांश कृषि ऋणों को संपार्श्विक की आवश्यकता होती है, जो आमतौर पर भूमि या संपत्ति के रूप में होती है. 

इसके अतिरिक्त, इन ऋणों में अक्सर उच्च ब्याज दरें होती हैं और नियमित पुनर्भुगतान की आवश्यकता होती है।

प्रश्न (6) – कर्ज न चुकाने से बचने के लिए किसान क्या कदम उठा सकते हैं?

उत्तर – लोन चूक से बचने के लिए किसान कई कदम उठा सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:

अपनी आय के स्रोतों में विविधता लाना: किसान अपनी आय के स्रोतों में विविधता लाकर लोन पर अपनी निर्भरता को कम कर सकते हैं. यह विभिन्न प्रकार की फसलें उगाकर, पशुधन बेचकर, या गैर-कृषि गतिविधियों जैसे पर्यटन या शिल्प में संलग्न होकर किया जा सकता है. 

अपनी आय को स्थिर करना: किसान अपनी आय को स्थिर करके लोन चूक के प्रति अपनी संवेदनशीलता को भी कम कर सकते हैं. 

प्रश्न (7) – कृषि ऋण पर चूक के क्या परिणाम होते हैं?

उत्तर – कृषि लोन पर चूक के परिणाम काफी गंभीर हो सकते हैं. भारत में, उदाहरण के लिए, जो किसान अपने ऋण पर चूक करते हैं, उनकी संपत्ति ऋणदाता द्वारा जब्त कर ली जा सकती है. 

इससे किसान अपनी आजीविका खो सकता है और बेघर हो सकता है. इसके अतिरिक्त, ऋण पर चूक करने से किसान के क्रेडिट स्कोर को नुकसान हो सकता है, जिससे भविष्य में लोन प्राप्त करना मुश्किल हो जाता है. 

प्रश्न (8) – क्या केसीसी लोन राजस्थान में माफ होने वाला है?

उत्तर – जी हां दोस्तों, राजस्थान में 3 लाख केसीसी कार्ड धारक हैं, जिनके 90 फ़ीसदी तक लोन माफ होने की उम्मीद है. राज्य सरकार ने वादा किया था.

प्रश्न (8) – किसान क्रेडिट कार्ड के नुकसान क्या है?

उत्तर – किसान क्रेडिट कार्ड के नकारात्मक पक्ष भी हैं जैसे यह क्रेडिट कार्ड के तहत लोन आसानी से समय पर नहीं मिलता है.

दूसरा सबसे बड़ा नुकसान है कि, सरकार या बैंक लोन के बदले जमीन के रिकॉर्ड ले लेती है. अगर किसान यह लोन चुकाने में असमर्थ हो जाती है तो, ऐसे उसके जमीन को नीलाम कर देती है.

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