Loan Kitne Prakar Ke Hote Hain? बैंक ऋण के सभी प्रकार जानिए
Loan Kitne Prakar Ke Hote Hain? आपका यही सर्च है? अगर हां तो, आपके सभी प्रश्नों का उत्तर इस आर्टिकल में मिलेगा.
इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आप जानेंगे कि 2024 में, बैंक लोन कितने प्रकार के होते हैं? इसे आप अच्छे से जान पाएंगे और उसका भविष्य में फायदा भी उठा पाएंगे. तो देर किस बात की, आगे पढ़िए.
Loan Kitne Prakar Ke Hote Hain?
अक्सर लोगों का प्रश्न होता है कि, भारत में लोन कितने प्रकार के होते हैं? लोन को मुख्य रूप से दो भागों में विभाजित किया जाता है. पहला सिक्योर्ड लोन और दूसरा अनसिक्योर्ड लोन.
A) – Secured loans
- Property Loan
- Gold loan
- Business Loan Against The Property
- Home Loan
- Home purchase loan
- Home improvement loan
- Home construction loan
- Joint home loan
- Home loan balance transfer
- Home extension loan
- Top up home loan
- प्लॉट या जमीन खरीदने के लिए लोन
V) Vehicle or car loan
B) – Unsecured loans
1 – Personal Loan
- वेडिंग या मैरिज लोन
- होलीडे लोन
- NRI पर्सनल लोन
- मेडिकल एमरजैंसी पर्सनल लोन
- पेंशन पर्सनल लोन
- फेस्टिवल पर्सनल लोन
- मोबाइल फोन और लैपटॉप के लिए पर्सनल लोन.
2 – Education Loan
3 – Business loan
- Business loan for women
- SME and MSME loan
- Term loan
- Start up loan
- Equipment financing
- Overdraft
- Merchant cash advance
- Business credit card
- Cash credit.
C) – Conventional loan
D) – Corporate loan.
अवधि के आधार पर, लोन के प्रकार
- Short term loan – इसमें एक साल से कम अवधि में पैसे लौटाना होता है।
- Medium term loan – इसमें एक से तीन साल के बीच पैसे लौटाना होता है।
- Long term loan – इसमें तीन साल से ज्यादा समय में पैसा लौटाया जाता है।
A) Secured loans (सुरक्षित लोन)
वह लोन जिसे कोई प्रॉपर्टी गिरवी रख के या सिक्यूरिटी पेपर रख के दिया जाता है। ऐसे लोन को सुरक्षित लोन कहते हैं।
अगर कोई तय समय पर लोन नहीं चुका पाए तो इस स्थिति में बैंक गिरवी रखी गई प्रॉपर्टी के जरिए वसूल सकता है। अगर कोई लोन के लिए अपना घर गिरवी रखा था और समय पर लोन नहीं चुका पाया तो उसके घर को बेच कर पैसा वसूला जा सकता है।
बैंक सिक्योरिटी पेपर के आधार पर overdraft की facility देता है। Overdraft का मतलब होता है कि आपके अकाउंट में जितने पैसे हैं उससे ज्यादा पैसे निकालने की सुविधा देना होता है। अपने current account से अपनी जरूरत के पैसे निकाल सकते हैं।
सुरक्षित लोन का interest rate असुरक्षित लोन के मुकाबले में कम होता है। इसमें अधिक राशि और ज्यादे अवधि के लिए मिल सकती है।
I) Property Loan
किसी प्रॉपर्टी को खरीदने के लिए लिया गया लोन प्रॉपर्टी लोन या अगेंस्ट दी प्रॉपर्टी लोन कहलाता है। इस केस में लोन प्रॉपर्टी के कागजात गिरवी रख के दिया जाता है। अगर तय अवधि में लोन लेने वाला लोन नहीं चुका पाता है तो बैंक खरीदी गई प्रॉपर्टी को जब्त कर सकता है।
यह लोन ज्यादा से ज्यादा 15 साल में चुकता किया जा सकता है। लोन की राशि कागजात में लिखे राशि का 40 से 60% होती है।
II) Gold Loan
सोने के गहने गिरवी रख कर लिया गया लोन गोल्ड लोन कहलाता है। Secured loan के लिए gold jewellery या gold biscuit प्राचीन समय से ही सबसे ज्यादा लोकप्रिय रूप है।
यह लोन आपके जमा किए गोल्ड की quality और price पर मिलता है। बैंक गोल्ड की कीमत के 80% तक का लोन देता है। आम तौर पर यह लोन लोग emergency मे लेते हैं।
इस पर लगने वाला interest rate पर्सनल लोन के मुकाबले में कम होता है। SBI gold loan पर अभी वार्षिक interest rate 11.15% ले रहा है।
III) Vehicle or Car / Bike Loan
यह लोन व्यक्तिगत तौर पर या परिवहन से रिलेटेड अपना बिजनेस स्टार्ट करने के लिए वाहन खरीदने के लिए लिया जाता है। इसको लेने के लिए किसी तरह का प्रॉपर्टी गिरवी नहीं रखना होता है। कार लोन के लिए लोन लेने वाले की क्रेडिट हिस्ट्री का अच्छा होना जरूरी है।
बैंक अक्सर कार लेने के लिए अलग अलग स्कीम लाती है। ये लोन दूसरे लोन के तरह अलग अलग समय में fixed या floating rate पर offer किए जाते हैं। Fixed rate का मतलब फिक्स्ड ब्याज दर यानि जब आप लोन लेते है तो उस वक्त जो interest rate लागू हो वही rate पूरे लोन चुकाने तक लागू रहेगा।
Floating rate वक्त आने पर बदल भी सकता है और उसी के हिसाब से आपके लोन का भी ब्याज दर कम या ज्यादा होता रहेगा।
इस लोन के लिए आपको बैंक में अपनी salary slip और पिछले दो या तीन साल का income-tax return जमा करना होता है। इसके अलावा दूसरा identity proof और address proof भी जमा करना होता है।
IV) Home loan Ke Prakar
ऐसा लोन जो कोई व्यक्ति घर बनाने के लिए या खरीदने के लिए बैंक या किसी वित्तीय संस्था से हर महीने एक फिक्स्ड इंटरेस्ट रेट पर EMI के रूप में देने के लिए उधार लेता है तो ऐसे लोन को होम लोन कहते हैं।
होम लोन के लिए लोन देने वाली कंपनी या बैंक के जरिया सिक्योरिटी के रूप में प्रॉपर्टी ली जाती है।
- प्रॉपर्टी पर्सनल या कमर्शियल हो सकती है।
- अगर लोन लेने वाला व्यक्ति लोन नहीं चुका सकता है तो लैंडर को प्रॉपर्टी की बिक्री करके लोन की राशि को प्राप्त करने कानूनी हक है।
घर बनाने का खर्च, घर का रजिस्ट्रेशन आदि के खर्च को जोड़कर बैंक से लोन उठा सकते हैं। बैंक आपके खर्च की टोटल राशि का 75 से 85% तक लोन दे सकती है।
इसको चुकाने का समय 5 से 20 साल तक हो सकता है। Loan के conditions में interest के अलावा कुछ फीस भी होते हैं जैसे कि processing fees, administrative charges, legal fees, assessment fees etc.
Home loan kitne prakar ke hote hain? अक्सर लोगों का यह प्रश्न होता है. होम लोन की आवश्यकता एवं उद्देश्य के आधार पर कई भागों में बांटा गया है जो आपके लिए नीचे लिखा गया है.
1) Home Purchase Loan
जब कोई व्यक्ति नया या पुराना घर या फ्लैट खरीदने के लिए बैंक से लोन ले लेता है तो, उस प्रकार के लोन को होम परचेज लोन करते हैं.
मूल रूप से देखा जाए तो होम परचेज लोन एक प्रकार का होम लोन है. ग्राहकों के आवश्यकताओं के अनुसार, होम लोन को एक अलग नाम दे दिया गया है.
2) Home Improvement Loan
घर की मरम्मत और रिनोवेशन के लिए लिया गया लोन होम इंप्रूवमेंट लोन कहलाता है. मुख्य रूप से यह लोन पुराने घर की मरम्मत के लिए लिया जाता है.
कुछ लोग घर का रिनोवेशन कराने के लिए पर्सनल लोन लेते हैं. लेकिन पर्सनल लोन का ब्याज दर ज्यादा होता है.
मेरे अनुसार अगर आपको घर का रिनोवेशन कराना है तो आपको होम इंप्रूवमेंट लोन लेना चाहिए. क्योंकि इसका ब्याज दर कम होता है.
3) Home Construction Loan
घर बनाने के लिए लिया गया लोन होम कंस्ट्रक्शन लोन कहलाता है। मूल रूप से यह भी एक प्रकार का होम लोन ही है. इस लोन का उद्देश्य घर के कंस्ट्रक्शन करवाने का होता है.
सीधा मतलब यह हुआ कि, अगर किसी के पास घर बनाने योग्य पहले से ही जमीन अगर उसके नाम पर है तो, वह व्यक्ति बैंक से होम कंस्ट्रक्शन का लोन ले सकता है.
4) Joint Home Loan
जब दो या अधिक लोग मिलकर एक साथ लोन लेते हैं तो ऐसा लोन ज्वाइंट होम लोन कहलाता है। जब किसी व्यक्ति को बड़े अमाउंट का होम लोन चाहिए होता है. तो वह सह आवेदक को जोड़ करके लोन लेता है.
कुछ चालक पति अपने पत्नी के भी नाम को होम लोन में जोड़ देते हैं. कुछ बैंकों में महिलाओं के नाम पर ब्याज दर में .5% तक कम लगता है. कम ब्याज के साथ लोन का अमाउंट भी बढ़ जाता है. साथ ही लोन अवधि भी बढ़ सकता है.
5) Home Loan Balance Transfer
जब कोई अपने बकाया लोन राशि को better rules and conditions या कम interest rate पर दूसरे lenders को ट्रांसफर करता है तो ऐसा लोन होम लोन बैलेंस ट्रांसफर कहलाता है।
मान लिया जाए कि लोन लेते समय वह व्यक्ति सरकारी बैंक में होम लोन लेने के लिए योग्य नहीं था. किंतु कुछ ऐसा हुआ कि अब कुछ सालों के बाद वह व्यक्ति सरकारी बैंकों से होम लोन लेने के लिए योग्य हो चुका है.
वह योग्य व्यक्ति प्राइवेट बैंकों से सरकारी बैंकों में लोन कोर्ट ट्रांसफर करके अपने ब्याज दर को कम कर सकता है. कम ब्याज होने पर उसका ईएमआई भी कम हो जाएगा.
6) Home Extension Loan
घर में नया कमरा, बाथरूम रसोईघर या फिर दूसरे फ्लोर बनाने के लिए लिया गया लोन होम एक्सटेंशन लोन कहलाता है।
हम एक्सटेंशन लोन उन्हीं व्यक्ति को मिलता है जिसने उस बैंक से पहले होम लोन लिया हुआ है. यह छोटे अमाउंट का लोन होता है.
7) Top Up Home Loan
जब बकाया लोन राशि के होते हुए कुछ और राशि लोन लिया जाता है तो ऐसा लोन टॉप अप होम लोन कहलाता है। कुछ स्थिति ऐसा होता है कि उसने होम लोन लिया लेकिन उस राशि से उसका घर का काम पूरा नहीं हो पाया.
उन व्यक्तियों के लिए टॉप अप होम लोन की आवश्यकता होती है. पहले से लिया गया होम लोन पर ही टॉप अप लोन मिलता है.
8) प्लॉट या जमीन खरीदने के लिए लोन
कुछ लोग घर बनाने से पहले प्लॉट या जमीन खरीदना चाहते हैं. उसके लिए भी वह बैंक से लोन ले सकते हैं. एसबीआई के द्वारा रियल्टी होम लोन के नाम से यह लोन दिया जाता है.
इस प्रकार का लोन लगभग सभी बैंकों में उपलब्ध होता है. होम लोन के अपेक्षा इस लोन का थोड़ा सा ब्याज दर अधिक होता है.
V) बिजनेस लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी
अगर कोई व्यक्ति किसी भी बैंक से बिजनेस लोन लेने के लिए अपनी संपत्ति को बंधक या गिरवी रख कर के लोन लेता हो तो उसे बिजनेस लोन अगेंस्ट दी प्रॉपर्टी कहते हैं.
बिजनेस लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी के कुछ फायदे हैं. यह लोन उन लोगों को भी मिल जाता है. जिसके पास कोई अच्छा इनकम प्रूफ या सिबिल स्कोर नहीं हो. साथ ही इस प्रकार के लोन में बड़े अमाउंट का लोन लंबी अवधि के लिए लिया जा सकता है.
B) Unsecured loan (असुरक्षित लोन)
जब कोई व्यक्ति बैंक से बिना चल या अचल संपत्ति को गिरवी या बंधक रखे हुए लोन लेता हो तो उसे अनसिक्योर्ड लोन कहते हैं.
अनसिक्योर्ड लोन को हिंदी में असुरक्षित लोन कहते हैं. बैंक का पैसा पूरी तरह सुरक्षित नहीं है क्योंकि इसके बदले ग्राहकों से किसी प्रकार का संपत्ति का बंधक नहीं होता है.
यही कारण है कि अनसिक्योर्ड लोन का ब्याज दर सिक्योर्ड लोन की अपेक्षा ज्यादा होता है. अनसिक्योर्ड लोन ग्राहक के इनकम प्रूफ और सिविल स्कोर के आधार पर दिया जाता है.
1) पर्सनल लोन कितने प्रकार के होते हैं?
यह सबसे लोकप्रिय और सामान्य प्रकार के अनसिक्योर्ड लोन में से एक है। इस लोन का interest rate ज्यादे होता है। पर्सनल लोन के लिए ज्यादा documents नहीं लिए जाते हैं।
जिनकी आय स्थिर हो और अच्छा क्रेडिट स्कोर भी हो आमतौर पर उन लोगों को ये लोन दिया जाता है। पर्सनल लोन को 4 साल तक लौटा देना होता है। जैसे: विवाह, छुट्टी, इंटरनेशनल टूर, होम रिनोवेशन, बच्चों की उच्च एजुकेशन इत्यादि के लिए लिया जाता है।
पर्सनल लोन लेने के बाद, आप क्या करते हैं बैंक आपसे कभी भी नहीं पूछेगा. आप अपने व्यक्तिगत किसी भी उद्देश्य को पूरा करने के लिए पर्सनल लोन ले सकते हैं.
- Wedding Loans
शादी के लिए लिया गया लोन वेडिंग लोन कहलाता है। शादी में अनेकों काम जैसे कि होटल बुकिंग करना, अलग अलग functions के लिए कपड़ों और ज्वेलरी की शॉपिंग, शादी का कार्ड, कैटरर इत्यादि के लिए लिया जाता है।
- Holiday Loan
Holiday इन्जॉय करने के लिए लिया गया लोन holiday loan कहलाता है। इस लोन की सहायता से यात्रा के बिलों की ज्यादे फिक्र किए बिना पूरी दुनिया में कहीं भी घूम सकते हैं।
- NRI Personal Loan
NRI द्वारा लिया गया पर्सनल लोन NRI पर्सनल लोन कहलाता है। विवाह, घर के रिनोवेशन इत्यादि के लिए ये लोन लिया जाता है।
- मेडिकल एमरजैंसी पर्सनल लोन
किसी भी मेडिकल इमरजेंसी में कुछ मिनटों में लिया जाने वाला लोन को मेडिकल इमरजेंसी लोन कहा जाता है. भारत में लगभग सभी बैंकों के यह सेवा 24 घंटे उपलब्ध रहता है.
मेडिकल इमरजेंसी पर्सनल लोन का ब्याज दर थोड़ा अधिक होता है. यह लोन कम डॉक्यूमेंटेशन पर तुरंत मिल जाता है.
- पेंशन पर्सनल लोन
यह लोन मुख्य रूप से पेंशन भोगियों को ही मिलता है. पेंशन के आधार पर मिलने वाला यह लोन कम अवधि के लिए मिलता है. जिस बैंक में पेंशन अकाउंट होता है, उसी बैंक से यह पर्सनल लोन मिलता है.
- फेस्टिवल पर्सनल लोन
कुछ लोग बहुत शौकीन होते हैं और वह फेस्टिवल मनाने के लिए भी बैंक से लोन लेना पसंद करते हैं. आप किसी भी धर्म के फेस्टिवल मनाने के लिए बैंक से लोन ले सकते हैं.
फेस्टिवल पर्सनल लोन पर फेस्टिवल के समय आकर्षक ऑफर होते हैं. यही कारण है कि ज्यादातर लोन इस प्रकार के लोन ले लेते हैं.
- मोबाइल फोन और लैपटॉप के लिए पर्सनल लोन
आज के समय मोबाइल फोन और लैपटॉप लोगों का रोजमर्रा की जिंदगी में सबसे अहम चीज बन गया है. यही कारण है कि बैंक अब मोबाइल फोन या लैपटॉप लेने के लिए पर्सनल लोन देती है.
2) Education Loan
हाई एजुकेशन के लिए स्टूडेंट्स ये लोन लेते हैं। ये लोन course की basic fees के और अन्य खर्चे जैसे: हॉस्टल फीस, एग्जामिनेशन फीस इत्यादि को मिला कर दिया जाता है।
इस लोन के मुख्य लोन छात्र हैं। जबकि गारंटर के रूप में माँ बाप, भाई बहन और पति या पत्नी सह आवेदक होते हैं।
जैसे: फुल टाईम या पार्ट टाईम एजुकेशन, ग्रैजुएशन, पोस्ट ग्रैजुएशन और वोकेशनल कोर्स के अलावा दूसरे क्षेत्रों में जैसे: मैनेजमेंट, इंजीनियरिंग और मेडिकल इत्यादि
Education loan देने से से उसका repayment सुनिश्चित किया जाता है। आम तौर पर यह लोन उन्हीं छात्रों को दिया जाता है जिनके पास इसे वापस करने की क्षमता हो।
जैसे कि उनके पेरेंट्स की सैलरी देखी जाती है या वह छात्र किस यूनिवर्सिटी में जा रहा है? उसके campus selection का ratio क्या है? यह सब देखकर ही लोन अप्रूव किया जाता है।
3) Business Loan Kitne Prakar Ke Hote Hain?
बिजनेस लोन दो कटेगरी के होते हैं। Term loan और flexi loan, टर्म लोन शॉर्ट और लॉन्ग टर्म दोनों तरह के हो सकते हैं। शॉर्ट टर्म लोन की अवधि 84 months की और लॉन्ग टर्म लोन की अवधि 20 years तक हो सकती है। दोनों स्थितियों में लोन monthly EMI के रूप में देना होता है।
- Business loan for women
इसमें महिलाओं को अपना business स्टार्ट करने या बढ़ाने के लिए दिया जाता है। इस प्रकार के व्यापार लोन से महिलाओं के अपने रोजगार को बढ़ावा मिलता है।
- SME and MSME loan
इसमें छोटा बिजनेस करने वालों को अपना बिजनेस बढ़ाने के लिए लोन दिया जाता है। ज्यादा जानकारी के लिए आगे पढ़ें!
- Term loan
यह एक क्रेडिट फैसिलिटी है। इसे तय समय के दौरान चुकाना होता है। यह secured और unsecured लोन दोनों तरह के होते हैं। Secured term loan चुकाने का समय 84 months और unsecured term loan चुकाने का समय 144 months होता है। ये लोन बिजनेस बढ़ाने या स्टाफ को सैलरी देने इत्यादि के लिए लिया जा सकता है।
- Start up loan
नए बिजनेस या स्टार्ट अप के लिए लोन मिलना मुश्किल होता है। ऐसे स्थिति में स्टार्ट लोन ले सकते हैं। इसे लेने के लिए कम पेपर की जरूरत होती है। इस लोन के जरिया बिजनेस को फाइनेंस करने के लिए 45 लाख तक का लोन ले सकते हैं।
- Equipment financing
Manufacturing business में महंगे equipment लेने के लिए financial help की जरूरत हो सकती है। यह high value loan मशीनें खरीदने या अपग्रेड करने जैसी जरूरतों को पूरा करने में मदद कर सकता है।
- Overdraft
यह एक credit agreement है। जिसमें lenders लोन लेने वालों के लिए एक निश्चित loan limit approve करता है। ओवरड्राफ्ट लोन की मंजूरी credit limit credit history या business cash इत्यादि पर मिलती है। यह इंडिया का एक लोकप्रिय प्रकार का बिजनेस लोन है।
Approved limit तक amount निकाल सकते हैं। Approved amount पर interest नहीं लगता है बल्कि इस्तेमाल किए हुए amount पर ही interest लगता है।
- Merchant cash advance
यह छोटे बिजनेस के क्रेडिट या डेबिट कार्ड की बिक्री के आधार पर एक optionals financial solution है। इसकी महत्वपूर्ण बात यह है कि इसमें रोजाना की बिक्री के अनुसार लोन चुकाने की इजाजत है।
- Business credit card
बिजनेस के वक्ती जरूरतों के लिए लोन की जरूरत है तो बिजनेस क्रेडिट कार्ड एक अच्छा ऑप्शन है।
- Cash Credit
कैश क्रेडिट इंडिया के लोकप्रिय बिजनेस लोन में एक है। यह short term credit facility है। इसमें अपने account से credit balance के बिना पैसे को इस्तेमाल करने की facility देता है। इसके सहायता से lender के साथ agreement पर पहले से स्वीकार किए हुए limit में से पैसे निकाल सकते हैं।
C) Conventional Loan (कन्वेंशनल लोन)
यह ऐसे लोन को referenced करता है जिसका RHS जैसी गवर्नमेंट एजेंसियों द्वारा बीमा नहीं किया जाता है।
कन्वेंशनल लोन आमतौर पर प्राइवेट कंपनियां या कोई आम व्यक्ति भी दे सकता है. किस प्रकार के लोन पर भारत सरकार या आरबीआई के द्वारा बनाए गए गाइडलाइंस का कोई मतलब नहीं बनता है.
कन्वेंशनल लोन आरबीआई के दिशा निर्देशों के अनुसार नहीं होता है. कोई व्यक्ति या संस्था अपने संपत्ति को गिरवी रख कर के इस प्रकार के लोन को ज्यादा या कम ब्याज दर पर लेते हैं.
गांव में साहूकार से लिए जाने वाला लोन भी कन्वेंशनल लोन कहलाता है. गांव के साहूकार ही अपने मर्जी से Loan के लिए ब्याज दर को तय करते हैं. कुछ स्थिति में लोन लेने वाला व्यक्ति और साहूकार मिलकर के ब्याज दर के लिए मोलभाव करते हैं.
D) Corporate Loan (कॉरपोरेट लोन)
बड़े बड़े उद्योगपति जैसे-विजय माल्या, अम्बानी भाइयों, टाटा, बिरला आदि को लोन देना कार्पोरेट लोन कहलाता है। अभी के rule के हिसाब से बैंक अपनी मुख्य पूंजी का 55% तक किसी बड़ी कंपनी को लोन दे सकता है।
लेकिन हाल में हुए defaulter cases में वृद्धि को देखते हुए RBI ने प्रस्ताव रखा है कि bank corporate group को मुख्य पूंजी का सिर्फ 25% ही देगी जिससे रिस्क से से बचा जा सकता है।
बैंक अकाउंट कितने प्रकार के होते हैं? |
Conclusion Points
बैंक ऋण कितने प्रकार के होते हैं? मुख्य रूप से देखा जाए तो लोन दो प्रकार के होते हैं. पहला अनसिक्योर्ड और लोन दूसरा सिक्योर्ड लोन. आपने ऊपर अनसिक्योर्ड लोन एवं सिक्योर्ड लोन के प्रकार को पढ़ा.
अगर आप कम ब्याज दर के लिए लंबी अवधि के लिए लोन लेना चाहते हैं तो आप सिक्योर्ड लोन के विकल्प को चुन सकते हैं. अगर आपके नाम पर संपत्ति हो और आपका CIBIL Score खराब हो तो ऐसे मैं आपके पास सिक्योर्ड लोन का ही विकल्प होता है.
बैंक कितने प्रकार के होते हैं? |
अगर आपके पास इनकम प्रूफ है और आपका सिविल इसको भी अच्छा है तो आपके लिए अनसिक्योर्ड लोन का भी विकल्प होता है. अपनी आवश्यकताओं के अनुरूप ही फैसला करें कि मुझे कौन सी प्रकार का लोन लेना है.
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