पर्सनल लोन इन केस ऑफ़ डेथ: Loan Maaf Hota Hai
पर्सनल लोन इन केस ऑफ़ डेथ: पर्सनल लोन लेने वाले व्यक्ति का सभी ईएमआई बैंक को चुकाने से पहले किसी भी कारणवश मृत्यु हो जाए।
क्या ऐसी स्थिति में, मृतक के उत्तराधिकारी या परिवार या गारंटर को, उसके बाकि बचे हुए ईएमआई बैंक को चुकाना होगा या नहीं?
इस आर्टिकल में अलग-अलग बैंकों के पर्सनल रूल के बारे में चर्चा करेंगे। सही नियमों का पता लगाएंगे।
पर्सनल लोन इन केस ऑफ़ डेथ: 2024 के नियम
बैंक से Personal Loan लेने वाले व्यक्ति का किसी भी कारणवश मृत्यु हो जाए। ऐसी स्थिति में बचे हुए या बाकी EMI मृतक के उत्तराधिकारी या परिवार के सदस्य या लोन के गारंटी को देना होगा या नहीं, मुख्य रूप से निर्भर करता है कि, मृतक ने सुरक्षित या असुरक्षित पर्सनल लोन लिया था?
सुरक्षित पर्सनल लोन: जब कोई व्यक्ति सुरक्षित पर्सनल लोन किसी भी बैंक से लेता है तो उसके बदले कॉलेटरल या सिक्योरिटी के रूप में कोई चल या अचल संपति या तीसरे पक्ष यानी लोन की गारंटर के तौर पर रखता है।
अगर मृतक ने सुरक्षित पर्सनल लोन किसी भी बैंक से लिया होगा तो उसके बदले, बैंक मृतक के कॉलेटरल या सिक्योरिटी जप्त कर सकती है या गारंटर से पूरे पैसे वसूल कर सकती है।
असुरक्षित पर्सनल लोन: जब कोई व्यक्ति बैंक से असुरक्षित लोन लेता है तो, उसके बदले किसी प्रकार की भी संपत्ति या सिक्योरिटी को गिरवी नहीं रखता है। ना ही कोई गारंटर होता है।
अगर मृतक ने असुरक्षित पर्सनल लोन किसी भी बैंक से लिया होगा तो उसके बदले, बैंक किसी भी कीमत पर, मृतक के उत्तराधिकारी या उनके परिवार के सदस्य पर लोन की बची हुई रकम की वापसी के लिए उसे परेशान नहीं कर सकता है।
Kya Personal Loan Maaf Hota Hai
फाइनल आंसर: अक्सर लोगों का प्रश्न होता है कि पर्सनल लोन माफ होगा कि नहीं? अगर मृतक ने असुरक्षित पर्सनल लोन लिया है तो उसका लोन माफ हो जाएगा।
अगर मृतक ने सुरक्षित पर्सनल लोन लिया है तो उसका लोन माफ नहीं होगा।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, भारत के ज्यादातर सरकारी बैंकों का पर्सनल लोन असुरक्षित होता है।
असुरक्षित पर्सनल लोन लेने वाले की अगर मृत्यु हो जाए तो बैंक उसके लोन को एनपीए घोषित कर देता है या बचे हुए राशि को राइट ऑफ (बट्टा खाते) कर देता है
लोन माफ हुआ या नहीं, यह इस बात निर्भर करता है कि, मृतक ने पर्सनल लोन सुरक्षित (सिक्योर्ड लोन) या असुरक्षित (अनसिक्योर्ड लोन) था।
प्रश्न उठता है कि कैसे जानेंगे कि, मृतक ने जो लोन लिया था! वह सुरक्षित है या असुरक्षित पर्सनल लोन है? इसके लिए आप लोन एग्रीमेंट के पेपर देख सकते हैं या बैंक से संपर्क कर सकते हैं।
असुरक्षित पर्सनल लोन लेने वाले की मृत्यु के बाद क्या करें?
पर्सनल लोन के एग्रीमेंट पेपर, EMI रसीद और उसके साथ मृतक के मृत्यु प्रमाण पत्र को लेकर के बैंक में जमा करना होगा।
हो सकता है कि बैंक आपको एक एप्लीकेशन लिखने के लिए कहें, उनके साथ यह सारे डॉक्यूमेंट को अटैच करके जमा करना होगा।
सारे Documents को जमा करने के बाद, 15 से 20 दिन के अंतराल में बैंक के तरफ से मृतक के परिवार को एक नोटिस जारी होता है। उस नोटिस में लोन राइट ऑफ और लोन माफी के बारे में वर्णन होता है।
सुरक्षित पर्सनल लोन लेने वाले की मृत्यु के बाद, उनके उत्तराधिकारी क्या करें
सबसे पहले वह बैंक जाए और वहां पर लोन देने वाले अधिकारी से मिलकर के पूरी बात को बताएं।
बचे हुए EMI को देने के लिए समय मांग सकते हैं या फिर उसे रिस्ट्रक्चर करवा सकते हैं।
बैंक आपसे कह सकता है कि, एक एप्लीकेशन लिखें। जिसमे वर्णन करें कि, आप लोन की बची हुई राशि बैंक को चुकाएंगे और बैंक आपके किसी भी संपत्ति को जप्त ना करें।
असुरक्षित पर्सनल लोन लेते समय इंश्योरेंस क्यों लेना चाहिए?
असुरक्षित पर्सनल लोन लेते समय बीमा क्यों लेना चाहिए, इसके कुछ कारण हैं। पहला, अगर उधारकर्ता को कुछ होता है, तो उनके परिवार पर कर्ज का कोई बोझ नहीं पड़ता है।
क्योंकि मृतक के कार्य को बीमा कंपनी अदा करती है। इसीलिए कहा जाता है कि, अगर कोई व्यक्ति असुरक्षित पर्सनल लोन ले तो, उसके साथ बीमा जरूर करवाएं। ताकि वह अपने परिवार को मृत्यु के बाद सुरक्षित कर सकें।
Conclusion Points
संक्षेप में बता देता हूं कि, अगर मृतक ने सुरक्षित पर्सनल लोन लिया हो तो, मृतक के उत्तराधिकारी को लोन की बची हुई राशि चुकाना होगा।
सुरक्षित Personal Loan अक्सर, प्राइवेट बैंक, नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी (NBFC) और लोन ऐप्स देता है।
अगर मृतक ने असुरक्षित पर्सनल लोन लिया हो तो, मृतक के उत्तराधिकारी या उनके परिवार के सदस्य को लोन की बची हुई राशि नहीं चुकाना होगा।
भारत में ज्यादातर सरकारी बैंक असुरक्षित पर्सनल लोन देते हैं। असुरक्षित पर्सनल लोन लेने वाले मृतक की मौत हो जाए तो उसका लोन माफ हो जाता है।
क्या आप जानते हैं कोई आदमी अगर जानबूझकर लोन का ईएमआई नहीं चुकता है तो उसके साथ बैंक क्या करता है?
FAQs+ |
लोन ना चुकाने पर या मौत हो जाने पर क्या-क्या होता है? उससे संबंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर को इस आर्टिकल के अगले भाग में शामिल किया गया है. अगर आप पढ़ेंगतो आपको ज्यादा ज्ञान होगा. |
प्रश्न – लोन माफ कैसे होगा? |
उत्तर – भारतीय इतिहास में अब तक देखा गया है कि किसानों और उद्योगपतियों का ही लोन माफ हुआ है. अगर आप किसान हैं तो माफी के लिए बैंक में अप्लाई करना होगा. |
प्रश्न – लोन न चुकाने पर जेल हो सकती है? |
उत्तर – लोन नहीं चुकाने पर शुरुआत में बैंक के तरफ से नोटिस आती है. अगर आप नोटिस का जवाब दे देते हैं तो आपको समय दिया जाएगा.
अगर आप Notice के जवाब नहीं देते हैं, तो ऐसे में बैंक आपको डिफॉल्टर घोषित कर देगी. उसके बाद आप पर, कोर्ट के तरफ से केस चलेगा. कोर्ट आपके संपत्ति की नीलामी का आदेश दे सकता है. अगर आपके संपत्ति की नीलामी से लोन का पूरा रकम के साथ कानूनी कार्रवाई में हुए खर्च वसूल हो जाती है तो आप को जेल नहीं होगी, अन्यथा जेल हो सकती है. |
प्रश्न – पर्सनल लोन माफ होगा कि नहीं? |
उत्तर – पर्सनल लोन अब तक के इतिहास में कभी भी किसी का माफ नहीं हुआ है. लोन माफ करने का फैसला सरकार का होता है. अभी तक देखा गया है कि सरकार ने ऐसा कोई फैसला नहीं लिया है. |
प्रश्न – Personal loan nahi bhara to kya hoga? |
उत्तर – पर्सनल लोन अगर आपने ना भरा हो तो आपको पहले बैंक के तरफ से कारण बताओ नोटिस आएगा. नोटिस का जवाब देते हैं तो आपको समय मिलेगा. नहीं देते हैं तो मामला कोर्ट चला जाएगा.
कोर्ट के आदेश पर आपकी संपत्ति का नीलामी हो सकता है. अगर उससे लोन के साथ-साथ कानूनी कार्रवाई के सभी खर्चे वसूल हो जाती है तो आप जेल नहीं जाना होगा. |
प्रश्न – NPA full form kya hota hai? |
उत्तर – एनपीए का फुल फॉर्म नॉन परफॉर्मिंग असेट्स होता है. जब कोई डिफॉल्टर लोन नहीं चुका पाता है तो बैंक उस राशि को एनपीए घोषित कर देता है. उसके बाद कोर्ट में केस चलता है. |
प्रश्न – किसान क्रेडिट कार्ड में किसान की मृत्यु होने पर क्या होता है? |
उत्तर – किसान क्रेडिट कार्ड से लोन लेने वाले किसान की अगर किसी वजह से भी मृत्यु हो जाए तो उसके वंश को लोन की राशि देना होता है.
क्योंकि किसान क्रेडिट कार्ड में लोन लेने से पहले बैंक जमीन के कागज लेती है. किसान के मृत्यु के बाद जमीन चाहे उसके बच्चे या पत्नी या किसी अन्य संबंधी के पास मलकाना हक चले जाए. बैंक उससे वह पैसे वसूल करती है. या जमीन की जमीन को नीलाम करती है. |
प्रश्न – पर्सनल लोन न चुकाने पर क्या होता है? |
उत्तर – पर्सनल लोन लेते समय, बैंक चल एवं अचल संपत्तियों का ब्यौरा इसीलिए लेती है. जब लोन लेने वाला व्यक्ति लोन ना चुकाते हैं तो पैसा वसूल करने के लिए उसके संपति को नीलाम किया जाता है.
अगर नीलामी से पैसा वसूल नहीं होता है तो उस व्यक्ति पर फौजदारी का केस चलता है और उसे जेल जाना हो सकता है. इस मामले को कोर्ट तय करती है. |
प्रश्न – EMI नहीं चुकाने पर क्या होता है? |
उत्तर – ईएमआई नहीं चुकाने पर, बैंक ऋण धारक को डिफॉल्टर घोषित कर देती है.
उसके बाद मामला कोर्ट चले जाता है. कोर्ट कुछ दिनों के बाद उसके संपत्ति को नीलाम करने का आदेश देता है. अगर नीलामी से पैसा वसूल हो गया तो ठीक है. नहीं तो ऋण धारक को जेल जाना होता है. |
प्रश्न – कर्ज न चुकाने की सजा क्या होती है? |
उत्तर – कर्ज न चुकाने की सजा संपत्ति की नीलामी से लेकर जेल जाने तक की हो सकती है. अगर कोई किसान या उद्योगपति है तो उनका लोन माफ भी हो सकता है लेकिन अन्य लोगों के लिए कोई गुंजाइश की संभावना नहीं है. |
प्रश्न – पर्सनल लोन की रिकवरी कैसे होता है? |
उत्तर – पर्सनल लोन रिकवरी के लिए आपके पास भी सरकार ने कुछ अधिकार दिए हैं. जिसके तहत रिकवरी एजेंट आप को गाली गलौज नहीं कर सकता है.
रिकवरी एजेंट सिर्फ ऑफिशियल आवर में आपको फोन कॉल कर सकता है. यहां तक कि वह आपके घर नहीं आ सकता है. लोन लेने वाला व्यक्ति, अगर रिकवरी एजेंट की बात नहीं मानता है तो ऐसे में बैंक उस व्यक्ति से आजिज होकर के उसे डिफॉल्टर घोषित कर देता है. उसके बाद मामला कोर्ट चला जाता है. कोर्ट अपने फैसले में पहले नीलामी का आदेश देता है. अगर नीलामी से पूरा पैसा वसूल हो गया तो ठीक है. नहीं तो व्यक्ति पर फौजदारी का केस चलता है. फौजदारी का केस चलने के बाद, व्यक्ति को जेल जाना पड़ सकता है. |