बैंक का लोन न चुकाने पर क्या होता है? RBI का नियम क्या कहता है
बैंक का लोन न चुकाने पर क्या होता है? क्या आप का यही Question है? अगर आपका उत्तर हां है तो, मैं कह सकता हूं कि आप सबसे बेहतरीन आर्टिकल तक पहुंच चुके हैं.
इस article के माध्यम से जानेंगे कि, बैंक आप के खिलाफ कितने दिनों में कौन-कौन सी कार्रवाई कर सकती है. बचाव के लिए आप उसी हिसाब से Planning कर सकते हैं.
इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद, आप जान पाएंगे कि, जब आप बैंक से लिए गए लोन को नहीं चुकाते हैं, तो बैंक आप पर कौन-कौन सी कानूनी कार्रवाई कर सकता है.
मुद्रा लोन न चुकाने पर |
बैंक से लिया गया लोन दो प्रकार के होते हैं, जिस के नाम सुरक्षित और असुरक्षित लोन होतें हैं. सुरक्षित और असुरक्षित लोन को ना चुकाने पर कार्रवाई अलग-अलग प्रकार की होती है.
बैंक का लोन न चुकाने पर क्या हो सकता है?
- पहले 0 से 30 दिन
Loan लेने के बाद, अगर आप 30 दिनों तक ईएमआई नहीं दे पाए हैं तो, लेट फीस के साथ अपना किस्त जमा कर सकते हैं. हालांकि, अधिकांश लेनदार बिना शुल्क या दंड के अपना किस्त जमा कर सकते हैं.
- 30 से 60 दिन
भुगतान में चूक करने पर आपका क्रेडिट स्कोर प्रभावित होने की संभावना है. यदि आपने अभी तक संपर्क नहीं किया है तो आपका ऋणदाता आपसे विलंब शुल्क लेगा और आपसे संपर्क करेगा.
- 60 से 90 दिन
आपका ऋणदाता संभवतः आपसे संपर्क करना जारी रखेगा। आपका क्रेडिट स्कोर और भी कम होने की संभावना है।
बैंक का सुरक्षित लोन न चुकाने पर क्या होता है?
सुरक्षित लोन का मतलब ही होता है कि आपने कोई ना कोई चल या अचल संपत्ति को गिरवी रख करके आपने लोन लिया है.
अगर आपने सुरक्षित लोन लिया है तो इसका सीधा सा मतलब यह है कि बैंक लोन दे करके वह पूरी तरह सुरक्षित है. दूसरी तरफ ग्राहक को यह पैदा होता है कि उसे सुरक्षित लोन लेने पर इंटरेस्ट रेट कम लगता है.
यह बात मान कर चलिए कि अगर आपने बैंक से सुरक्षित लोन लिया है तो आपको हर कीमत पर लोन और ब्याज के रकम को चुकाना ही होगा.
जब आप लोन लेते हैं, उस समय बैंक आप से एक डॉक्यूमेंट पर साइन करवाता है. यह डॉक्यूमेंट भारतीय अनुबंध अधिनियम 1872 पर आधारित होता है.
इस अधिनियम के अनुसार, आप को बैंक से लिए गए लोन एवं उसके ब्याज को पूर्ण रूप से वापसी करना होता है.
जब आप लोन की ईएमआई नहीं दे पाते हैं तो, ऐसे हालात में बैंक आपके लोन को अनियमित लोन के रूप में घोषित कर देता है.
Irregular loan घोषित हो जाने के बाद, बैंक अपने लोन की रकम वसूली करने के लिए कानूनी सहारा ले सकता है.
बैंक सबसे पहले आपको एक नोटिस जारी करेगा जिसमें कि कहा जाएगा कि, आप अपने लोन एवं ब्याज की बकाया राशि को तुरंत बैंक में जमा कीजिए.
अगर आप Notice का कोई भी जवाब नहीं देते हैं तो ऐसी स्थिति में, बैंक लोन वसूली करने के लिए अदालत में दावा पेश करेगा. कानूनी कार्रवाई में जो भी खर्चा आएंगे, उसे आपको ही वाहन करना होगा.
बैंक के द्वारा कानूनी कार्रवाई में जो भी खर्च आएगा आपके लोन में उसे जोड़ दिया जाएगा. क्योंकि आपने लोन का Agreement को तोड़ा है, अदालत का फैसला आपके खिला दी आएगा.
अगर आपने एडवांस डेट का बैंक को कोई चेक दिया है तो ऐसे में बैंक आपके एडवांस चेक को अदालत में पेश करेगा.
विनिमय साध्य विलेख अधिनियम की धारा 138 के तहत अदालत आप पर कानूनी कार्रवाई करने का आदेश देगा.
इस धारा के तहत आप को जेल के साथ-साथ जुर्माना भी हो सकता है. अगर आप अदालत के फैसले के बाद, भी लोन और ब्याज की पूरी राशि जमा नहीं करते हैं तो, अदालत आपके खिलाफ नीलामी का फैसला दे सकता है.
आपके चल या अचल संपत्ति के नीलामी के बाद, लोन, ब्याज एवं बैंक द्वारा कानूनी कार्रवाई के खर्चे को काट कर के, जो रकम बचेगा वह आपको वापस कर दी जाएगी.
यही कारण है कि बैंक ज्यादातर मामले में सुरक्षित लोन देना पसंद करती है. लगभग सभी बैंक के पर्सनल लोन सुरक्षित लोन के कैटेगरी में आते हैं.
बैंक का असुरक्षित लोन न चुकाने पर क्या होता है?
चल या अचल संपत्ति के बिना गिरवी रखे हुए जो लोन लिया जाता है बैंक से उसे असुरक्षित लोन कहा जाता है. इस प्रकार के लोन में बैंक के द्वारा दिया गया लोन असुरक्षित होता है.
इस प्रकार के Loan की वसूली करना बैंक के लिए थोड़ा मुश्किल होता है. बैंक लोन की रिकवरी के लिए अलग-अलग प्रकार के हथकंडे को अपनाता है.
यही असली कारण है कि बैंक असुरक्षित लोन देने के लिए हमेशा कतराती है. बैंकों के पास, इस प्रकार के लोन की रिकवरी के लिए कोई खास सटीक विकल्प नहीं होता है.
अगर आप बहुत लंबे समय तक लोन की किस्त देने में फेल होते हैं तो बैंक के अधिकारी आपसे संपर्क करेगा और आपको सेटलमेंट करने के लिए कहेगा.
अगर आप बैंक सेटेलमेंट के लिए नहीं जाएंगे तो, कुछ दिनों के बाद बैंक आपके खिलाफ Official नोटिस जारी करेगा.
अगर आप नोटिस का कोई भी जवाब नहीं देते हैं तो, आपके लोन को बैंक अपने रिकवरी एजेंसी के पास भेज देगा.
रिकवरी एजेंट अलग-अलग प्रकार के हथकंडे अपना कर के आप से किसी भी कीमत पर लोन एवं ब्याज की राशि वसूल करने का प्रयास करेगा.
अगर आप रिकवरी एजेंट के प्रयासों को विफल कर देंगे तो ऐसी स्थिति में बैंक आपके लोन को बंद कर देगा. और आपका सिबिल स्कोर को बहुत ही खराब कर देगा.
साफ साफ शब्दों में कहा जाए तो, अगर आपने किसी भी प्रकार से असुरक्षित लोन लिया है और उसे आप नहीं चुका पाए हैं. बैंक आपके साथ कुछ भी नहीं कर सकता है, सिर्फ आपका सिबिल स्कोर खराब हो जाएगा. सिबिल स्कोर खराब होने से आप भविष्य में bank से लोन लेने में अयोग्य होंगे.
Conclusion Points
संक्षेप में फिर से रिपीट कर देता हूं अगर आप ने सुरक्षित लोन लिया है तो आपको किसी भी कीमत पर लोन चुकाना ही होगा.
अगर आपने असुरक्षित लोन लिया है तो ऐसे में आप लोन नहीं भी चुकाते हैं तो आप पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ेगा, सिर्फ और सिर्फ आपका CIBIL Score खड़ाब होगा.
बैंक का लोन न चुकाने पर क्या होता है? मुझे पूरा भरोसा है कि अब आपको इससे संबंधित जानकारी मिल गया होगा. अगर आपके पास भी इससे संबंधित किसी प्रकार का भी प्रश्न हो तो, कृपया comment बॉक्स में लिखें.