अगर नहीं चुका पा रहे हैं लोन तो न हों परेशान, यहां पढ़ें अपने ये अधिकार
अगर नहीं चुका पा रहे हैं लोन तो न हों परेशान, यहां पर पढ़ें अपने ये सभी अधिकार. अगर आप अपने अधिकार को अच्छे से समझ लिया तो आपको किसी भी कीमत पर Bank परेशान नहीं कर सकता है.
भारत सरकार ने आरबीआई के माध्यम से आपको कई ऐसे अधिकार दिए हैं, जिसकी मदद से आप नहीं चुकाने पर परेशान नहीं होंगे।
आइए जानते हैं कि, RBI ने आपको क्या क्या अधिकार दिए हैं। लोन नहीं चुकाने के तीन बेहतरीन विकल्प के बारे में भी इस आर्टिकल में बताएंगे। आखिर तक पढ़िए, कुछ आपको आज नया मिलने वाला है।
अगर आप लोन नहीं चुका पा रहे हैं तो आपके साथ, बैंक क्या नहीं कर सकता है
बैंक के रिकवरी एजेंट अपने कर्जदारों से अमानवीय व्यवहार नहीं कर सकता है. एजेंट लोन लेने वाले या उसके परिवार को डरा नहीं सकता है. सुबह 7:00 बजे से लेकर शाम 7:00 बजे के बीच ही संपर्क कर सकता है.
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कोई भी बैंक एजेंट, आपको किसी भी तरह का शारीरिक और मानसिक तौर पर नुकसान नहीं पहुंचा सकता है, साथ किसी भी तरह का दुर्ववहार नहीं कर सकता है।
2) नोटिस दिए बिना, कार्रवाई नहीं कर सकता है
अगर कोई कर्जदार लगातार 3 EMI जमा नहीं करता है, तो बैंक ऐसी स्थिति में कर्जदार के खिलाफ नोटिस जारी कर सकता है।
बैंक अपने कर्जदार को नोटिस में सामान्य तौर पर तीन विकल्प देता है। पहला विकल्प की आप लेट फीस के साथ तीनों EMI को जमा कर दें।
दूसरा विकल्प, अपने लोन को रिस्ट्रक्चर करने देता है। जिससे कि आपकी मासिक किस्त कम हो जाएगा और लोन की अवधि बढ़ जाएगा।
तीसरा विकल्प, लोन सेटेलमेंट का देता है, लोन सेटेलमेंट के तहत आपको वन टाइम बचे हुए सभी EMI जमा करने पर आपको बैंक कुछ छूट दे सकता है।
लोन लेने वाला व्यक्ति, नोटिस का कोई जवाब नहीं देता है। ऐसी स्थिति में बैंक उधारकर्ता के खाते को एक गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) के रूप में वर्गीकृत कर देता है। यदि पुनर्भुगतान 90 दिनों से अधिक बकाया है.
लोन को एनपीए घोषित करने के बाद मामला कोर्ट पहुंच सकता है। कोर्ट के आदेश के बाद ही, कानूनी कार्रवाई हो सकता है।
3) गिरवी संपत्ति का गलत मूल्यांकन नहीं कर सकता है
जी हां, बैंक आपके द्वारा लोन के एवज में गिरवी रखी गई संपत्ति का गलत मूल्यांकन करके नीलामी नहीं कर सकता है. यह पूरा प्रोसेस कोर्ट के द्वारा अधिकृत अधिकारियों के समक्ष किया जाता है।
अगर बैंक के कर्मचारी ऐसा ना करें तो आप इस मामले को कोर्ट लेकर जा सकते हैं। आप बैंक के खिलाफ शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।
4) संपत्ति के उचित मूल्यांकन का अधिकार
संपत्ति बेचने से पहले, ऋणदाता को आरक्षित मूल्य, तिथि और नीलामी के समय के साथ संपत्ति के उचित मूल्य को निर्दिष्ट करते हुए एक नोटिस जारी करना होता है.
इसकी गणना बैंक के मूल्यांकनकर्ताओं द्वारा की जाती है। अगर उधारकर्ता को लगता है कि, संपत्ति का मूल्य कम है, तो वह मौजूदा नीलामी में भाग ले सकता है.
5) नीलामी की प्रक्रिया बैंक गोपनीय रूप से नहीं कर सकता है
जी हां, आपके द्वारा गिरवी रखी गई संपत्ति का नीलामी बैंक आपको बिना बताए हुए नहीं कर सकता है. नीलामी की प्रक्रिया कि आप पूरी निगरानी कर सकते हैं.
नीलामी की गई संपत्ति से जो राशि प्राप्त होता है, उनसे लोन और ब्याज देने के बाद, अगर पैसा बच जाए तो वह पैसा आपका होगा.
उसे आप उदाहरण से समझ सकते हैं, आपको बैंक को 5 लाख रुपये देना है एवं आपकी संपत्ति 15 लाख रुपये में बिकी है तो, बैंक सिर्फ अपने पास 5 लाख रुपये रख सकती है, बाकी 10 लाख रुपये आपको वापस कर देगा।
लोन नहीं चुकाने पर, कोर्ट कब गिरफ्तारी का आदेश देता है?
जब बैंक या कोई एनबीएफसी लोन को एनपीए घोषित कर देता है। तभी लोन न चुकाने का मामला कोर्ट जा सकता है। लोन सुरक्षित होने की स्थिति में, संपत्ति का मूल्यांकन एवं नीलामी का आदेश दे सकता है।
संपत्ति के नीलामी के बाद, बैंक को लोन के साथ कानूनी कार्रवाई में खर्च सहित दे दिया जाता है। अगर इस प्रक्रिया से पैसे बच जाए तो कर्जदार को दे दी जाती है। अगर पैसे घट जाए तो कर्जदार को जमा करने के लिए मोहलत दी जाती है।
मोहलत मिलने के बाद भी, अगर कर्जदार पैसे जमा नहीं कर पाते हैं तो उसे कोर्ट जेल भेजने का आदेश दे सकता है।
लोन नहीं चुका पा रहे हैं, तो इन तीन विकल्प पर विचार करें
पहला विकल्प: लोन रिस्ट्रक्चर |
अगर आप लोन को रिस्ट्रक्चर करवा लेते हैं तो आपका मासिक किस्त काम हो जाएगा और लोन की अवधि बढ़ जाएगी।
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दूसरा विकल्प: लोन सेटेलमेंट |
लोन सेटेलमेंट उन लोगों के लिए बहुत ही उपयोगी है जो भविष्य में और कभी लोन लेना नहीं चाहते हैं।
वन टाइम लोन सेटेलमेंट करने पर आपको बैंक 60% तक छूट दे सकता है।
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तीसरा विकल्प: नीलामी से बचें |
कोर्ट के आदेश पर जब बैंक आपकी संपत्ति को नीलम करती है तो, उसे मार्केट मूल्य से कम पर बेच देता है।
इससे बेहतर है कि, आप अपने संपत्ति को अच्छे मूल्य पर बेचकर के लोन को वन टाइम सेटलमेंट कर लें। इससे आपको डबल बेनिफिट हो जाएगा। |
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Conclusion Points
लोन नहीं चुका पाने के कई कारण हो सकते हैं। हो सकता है कि आपने अपनी नौकरी खो दी हो या कोई अप्रत्याशित चिकित्सा खर्च हो सकता है। कारण जो भी हो, अगर आप कर्ज नहीं चुका पा रहे हैं, तो चिंता न करें।
प्रैक्टिकल बात यह है कि, बैंक कभी भी मामले को कोर्ट पहले जाना नहीं चाहता है। बैंक आपको लोन को रिस्ट्रक्चर करने का विकल्प देता है।
अगर आप लोन का रिस्ट्रक्चर भी नहीं करते हैं तो आपको लोन वन टाइम सेटलमेंट करने का भी मौका देता है। लोन सेटेलमेंट में 60% तक आपको लोन के कुल अमाउंट में छूट मिल सकता है।
अंत में, यदि अन्य सभी विफल हो जाते हैं, तो आप हमेशा दिवालिया घोषित करने पर विचार कर सकते हैं। यह अंतिम उपाय होना चाहिए, लेकिन यह आवश्यक हो सकता है। यदि आप किसी अन्य तरीके से ऋण नहीं चुका सकते हैं।
FAQsआप किसी भी कीमत पर लोन चुकाने के लिए पूरी तरह असमर्थ हैं तो ऐसे में आपको लगता है कि, बैंक आप पर कोई ना कोई कार्रवाई करेगा. आप बिल्कुल ना घबराए भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने कर्ज धारकों के लिए भी कुछ अधिकार तय किए हैं. कानूनी दांवपेच का प्रयोग करके आप अपनी परेशानी को बहुत हद तक कम कर सकते हैं। यहां तक कि आपको कभी भी जेल जाने की नौबत नहीं आएगी. लेख इस अनुभाग में इससे संबंधित कई महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर लिखे गए हैं. जिन्हें पढ़कर के आप अपनी परेशानी को कम कर सकते हैं. प्रश्न (1) – लोन ना चुकाने पर कब जेल होती है?उत्तर – अगर आपने बैंक से सुरक्षित लोन लिया है. उसके बदले आपने अपने संपत्ति को बैंक के पास गिरवी रखा है. अगर आप समय पर लोन नहीं चुका पाते हैं तो बैंक अदालत का दरवाजा खटखटा सकती है. आपके द्वारा बैंक के पास रखी गई गिरवी संपत्ति का नीलामी का आदेश अदालत दे सकती है. ऐसे ही स्थिति में नीलामी के बाद, जो भी राशि प्राप्त होगा. उससे बैंक अपने कानूनी कार्रवाई व अदालती खर्चे के साथ-साथ लोन की पूरी राशि वसूल करेगी. अगर नीलामी से राशि ज्यादा प्राप्त हो जाए तो आपको शेष राशि मिल जाएगा. दूसरे स्थिति में नीलामी से राशि कम पड़ जाए तो आप पर फौजदारी का केस चलेगा. अगर आप फौजदारी के केस हार जाते हैं तो आप को जेल जाना पड़ सकता है. लेकिन बचने का आपके पास यहां पर भी विकल्प है. अगर आप पहले ही अपने आप को कोर्ट के समक्ष दिवालिया घोषित कर देते हैं तो आप जेल जाने से बच सकते हैं. प्रश्न (2) – लोन ना चुकाने पर, जेल जाने से बचने का क्या तरीका है?उत्तर – अगर आप जेल जाने से बचना चाहते हैं तो आप अपने आप को कोर्ट के समक्ष से दिवालिया घोषित कर दीजिए. इस प्रक्रिया में थोड़ा समय लगता है लेकिन आप निश्चित तौर पर जेल जाने से बच सकते हैं. प्रश्न (3) – यदि मैं लोन नहीं चुका सकता तो मेरे पास क्या अधिकार हैं?उत्तर – आपके पास जो पहला अधिकार है, वह ग्रेस पीरियड का अधिकार है. यह समय की अवधि है, आम तौर पर छह महीने, जिसके दौरान आपको अपने लोन पर कोई भुगतान नहीं करना पड़ता है. इससे आपको आर्थिक रूप से अपने पैरों पर वापस आने और फिर से भुगतान करना शुरू करने का समय मिलता है। यदि आप अनुग्रह अवधि के बाद भी भुगतान नहीं कर सकते हैं, तो आपके पास आस्थगन या सहनशीलता का अधिकार है. ये दोनों विकल्प हैं जो आपको अस्थायी रूप से अपने लोन पर भुगतान करना बंद करने की अनुमति देते हैं. प्रश्न (4) – लोन न चुकाने के क्या परिणाम होते हैं?उत्तर – यदि कोई अपना लोन नहीं चुकाता है, तो उसे डिफॉल्ट माना जाएगा. इसके गंभीर परिणाम हैं जिनमें आगे की संघीय वित्तीय सहायता के लिए पात्रता की हानि, वेतन वृद्धि, और संग्रह एजेंसियों शामिल हैं. लोन पर चूक करने से आपके क्रेडिट स्कोर को भी नुकसान हो सकता है और भविष्य के loan के लिए स्वीकृत होना मुश्किल हो सकता है. प्रश्न (5) – ऋण चुकाने के लिए मैं कौन से कदम उठा सकता हूं?उत्तर – अपने लोन को चुकाने के लिए आप कई कदम उठा सकते हैं। सबसे पहले, आप हर महीने अपने भुगतान समय पर करना सुनिश्चित कर सकते हैं. दूसरा, यदि आप इसे वहन कर सकते हैं तो आप हर महीने थोड़ा अतिरिक्त भुगतान करने का प्रयास कर सकते हैं. इससे आपको कर्ज जल्दी चुकाने में मदद मिलेगी. तीसरा, यदि आपके पास अतिरिक्त धन उपलब्ध है तो आप लोन के लिए एकमुश्त भुगतान कर सकते हैं. चौथा, यदि आप कम ब्याज दर के लिए अर्हता प्राप्त करते हैं तो आप लोन पुनर्वित्त कर सकते है. प्रश्न (6) – यदि मैं ऋण नहीं चुका सकता तो मेरा क्या होगा?उत्तर – यदि आप अपना लोन चुकाने में असमर्थ हैं, तो आप दंड और शुल्क के अधीन हो सकते हैं. इसमें विलंब शुल्क, संग्रह लागत और कानूनी शुल्क शामिल हो सकते हैं. आप अपने सिविल स्कोर को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं, जो भविष्य में उधार लेने की आपकी क्षमता को प्रभावित कर सकता है. यदि आपको अपना लोन चुकाने में कठिनाई हो रही है, तो आपको अपने विकल्पों पर चर्चा करने के लिए जितनी जल्दी हो सके अपने ऋणदाता से संपर्क करना चाहिए. प्रश्न (7) – अगर मैं कर्ज नहीं चुका सकता तो मेरे पास क्या विकल्प हैं?उत्तर – यदि आप लोन नहीं चुका सकते हैं, तो आपके पास कुछ विकल्प हैं. आप यह देखने के लिए बैंक के साथ बातचीत करने का प्रयास कर सकते हैं. इससे आपको विकल्प पता चलेगा. यदि वह विकल्प नहीं है, तो आप अपने लोन को समेकित करने या दिवालिएपन के लिए दाखिल करने पर विचार कर सकते हैं. |
समस्या है तो, कमेंट करें |
Kya loan restructuring rbi ka regular niyam h….. or uska use ham kabhi bhi kar sakte h..? Yani jaise 2023 me bhi..?
लोन को रिस्ट्रक्चर करने का अधिकार बैंक के पास सुरक्षित होता है। बैंक अपने विवेक पर ही लोन रिस्ट्रक्चरल करने का आदेश दे सकता है। आप निर्मातापूर्वक बैंक के मैनेजर से लोन रिस्ट्रक्चर करने का आग्रह कर सकते हैं।
लोन रिस्ट्रक्चर से आपका सिबिल स्कोर प्रभावित नहीं होगा। अगर आप लोन सेटेलमेंट करते हैं तो आपका सिबिल स्कोर बुरी तरह प्रभावित होगा।
Thanks
hello Nashtar,
मैं एक वेब डेवलपर हूँ। मैंने आपके ब्लाॅग को देखा लेकिन इसका डिजाइन थोड़ा अच्छा नहीं लगा। अगर आप अपने ब्लॉग का स्पीड, डिजाइन और एसइओ अच्छे से कर लेंगे तो मिलियन का ट्रैफिक भी आ सकता है। अभी आपके ब्लॉग पर Similarweb के अनुसार 6.6K ट्रैफिक है। अगर आप मुझे अनुमति देंगे तो मैं आपके ब्लॉग का स्पीड, डिजाइन और एसइओ अच्छे से कर दूंगा जिससे आपके ब्लॉग का ट्रैफिक बढ़ जाएगा।