बिहार पर कितना कर्ज है 2024? ताजा अपडेट जानिए
बिहार पर कितना कर्ज है 2024 क्या आप इस प्रश्न के उत्तर को ढूंढ रहे हैं? बाई चांस आप, एक अच्छे वेबसाइट पर पहुंच चुके हैं. सही जानकारी मिलेगा, आगे पढ़िए.
किस आर्टिकल में आपको बताया जाएगा कि, बिहार के पास 2024 में कुल कितना कर्ज है? साथ में यह भी जानेंगे कि पर व्यक्ति कितना कर्ज है.
Bihar Ke Upar Kitna Karj Hai?
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के ऑफिशियल वेबसाइट के अनुसार, बिहार का 2024 में fiscal deficit 38.7 है. बिहार दूसरे स्थान पर है, जबकि राजस्थान (39.8) पहले स्थान पर है.
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भास्कर समाचार पत्र के अनुसार, बिहार में हर जन्म लेने वाले बच्चे के ऊपर लगभग ₹19000 का कर्ज होता है. बिहार पर कितना कर्ज है? उनका उत्तर था कि, साल के आखिर तक बिहार के ऊपर कुल कर्ज 2,13,406 (दो लाख तेरह हजार चार सौ छो) करोड़ है.
- 2,13,406 (दो लाख तेरह हजार चार सौ छो)
बिहार सरकार कहां से कर्ज लेती है? बिहार सरकार ज्यादातर कर्ज रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया, नाबार्ड, RIDF, केंद्र सरकार की अन्य एजेंसी एवं केंद्र सरकार से लेती है.
श्रीलंका में आर्थिक संकट के बाद, आरबीआई राज्यों की अर्थव्यवस्था पर नजर बनाए हुए हैं
श्रीलंका के आर्थिक बदहाली का समाचार आपने सुन रखा होगा. श्रीलंका इस समय कंगाली की दौर से गुजर रहा है. गरीबी इतना है कि लोग समय पर खाना नहीं खा पा रहे हैं, क्योंकि खाने-पीने की चीजों का दाम बहुत ज्यादा बढ़ गया है.
ऐसे में भारत के कुछ राज्य हैं जिसका फिसकल डिफिसिट बहुत ज्यादा हो चुका है. राज्यों में बिहार, राजस्थान और पंजाब का नाम आता है.
आरबीआई ने अपने वेबसाइट पर इन तीनों राज्यों को लेकर के चिंता जताई है. उदाहरण के तौर पर बिहार की कुल कमाई से 38% ज्यादा रुपया खर्च हो रहा है. ऐसा अगर लंबे समय तक चला तो राज्य कंगाल हो सकता है.
बिहार में शराबबंदी होने के वजह से राज्य सरकार के खजाना लगभग खाली हो चुका है. किसी भी राज्य में अनेक योजनाएं चलता है. ऊपर से सरकार कई चीजों पर सब्सिडी बांटती है.
जिसका सीधा प्रभाव राज्य के खजाना पर पड़ता है. बिहार अभी कर्ज पर ही चल रहा है. अगर राज्य को समय पर और आगे कर्ज नहीं मिला तो आर्थिक बदहाली देखने को मिल सकता है.
राज्य सरकार ज्यादा खर्च क्यों करती है?
किसी भी चुने हुए लोकतांत्रिक सरकार को अपने जनता के लिए विकास करने की आवश्यकता पड़ती है ताकि उसे अगले चुनाव में जीत मिलें.
बिहार की अगर राजनीतिक हालात देखा जाए तो बीजेपी और जदयू का गठबंधन टूट चुका है ऐसे में केंद्र से बहुत ज्यादा पैसा नहीं मिलना है. ऊपर से महागठबंधन को ज्यादा विकास करके दिखाना होगा। तभी उसे 2024 के लोकसभा चुनाव में जीत मिलेगी.
एक तरफ केंद्र सरकार पैसे नहीं देना चाहती है दूसरी तरफ महागठबंधन ज्यादा विकास पर पैसे खर्च करना चाहती हैं. यही कारण है कि गैर बीजेपी शासित राज्य इस आर्थिक संकट में दिवालिया हो सकते हैं.
कोई राज्य अगर आर्थिक तौर पर दिवालिया होता है तो वहां के कर्मचारियों का वेतन रुक जाता है और वहां पर कोई विकास कार्य कई सालों तक नहीं हो पाता है.
बिहार को 75000 करोड़ रुपए का इंटरेस्ट फ्री लोन मिला
अंतरिम बजट में, कैप एक्स फंड के साथ ही राज्यों के लिए इंटरेस्ट फ्री का भी प्रबंध है। कुल 75 हजार करोड़ के ऋण में से बिहार को 7500 करोड़ मिलेंगे, जिसे 50 वर्षों में वापस करना होगा।
इससे आधारभूत संरचना का विकास होगा, जैसे सड़कें, भवनें, अस्पताल, और विद्यालय, और इससे बिहार में पूंजीगत व्यय में वृद्धि होगी।
इससे पहले ही 2022-23 वित्तीय वर्ष में बिहार को 8455 करोड़ और 2023-24 में 6200 करोड़ का इंटरेस्ट फ्री लोन प्रदान किया गया था।
Conclusion Points
बिहार पर कितना कर्ज है? फिर से इस प्रश्न का उत्तर एक बार आपको बता देता हूं. मौजूदा 2024 में बिहार पर कर्ज 2,13,406 (दो लाख तेरह हजार चार सौ छो) करोड़ है.
हर बिहार के व्यक्ति पर लगभग ₹19000 का कर्ज होता है. सरकार ने अगर आने वाले समय में और कर्ज लिया और पिछले कर्ज को अदा नहीं किया तो वह डिफॉल्टर स्टेट बन सकता है.
अब तक के इतिहास में भारत का कोई भी राज्य डिफॉल्टर नहीं बना है. भविष्य में अगर कोई राज डिफॉल्टर बन सकता है तो उनमें से तीन नाम आता है, पहला बिहार, दूसरा पंजाब और तीसरा राजस्थान हो सकता है.
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