बैंक की परिभाषा और कार्य: प्रकार के अनुसार विशेषताएं
क्या आप बैंक की परिभाषा और कार्य को जानना चाहते हैं? यदि हां तो, आप एक अच्छे लेख तक पहुंच चुके हैं.
इस लेख में आपको Bank Ke Prakar के अनुसार, उनके कार्य और विशेषताओं का समुचित वर्णन मिलेगा।
चाहे आप एक स्टूडेंट हो या निवेशक हो या आप बैंक से लोन लेने के बारे में सोच रहे हो, आपकी भावना को ध्यान में रखकर के यह आर्टिकल लिखा गया है. ताकि आप कम समय में उचित जानकारी ले सकें. तो देर किस बात की, आगे पढ़िए.
Bank क्या होता है?
Bank एक ऐसा वित्तीय संस्था है जो पैसों की लेन देने का काम करता है। लोग अपने अतिरिक्त पैसों को बैंक में रखते हैं। जिसे Money deposit कहा जाता है। इन पैसों के लिए bank उन्हें ब्याज भी देता है।
जिनको पैसों की जरुरत होती है। बैंक उन्हें पैसे भी देता है लेकिन इन पैसों का interest उन्हें बैंक को देना होता है।
अगर कोई व्यक्ति अपना रुपया को अपने घर के अलमीरा में रखता है तो उससे ना तो उसका भला होता है, ना ही देश का भला होता है. कैसे?
घर में रखा हुआ रुपया से कोई भी ब्याज नहीं मिलता है. महंगाई हर साल बढ़ती है. दूसरी तरफ घर का रखा हुआ रुपया अगर बैंक अकाउंट में रख दिया जाए तो उससे बैंक भी कम आती है. तीसरा पक्ष, देश के बेरोजगारों को पूंजी मिल जाता है जिससे वह अपना कोई बिजनेस शुरू कर सकता है.
मेरे अनुसार बैंक रुपया में जान डालता है. देश का प्रारूप या बैंक में होना चाहिए तभी हमारी इकोनामी जीवित रहेगी. इसका अंदाजा आप जन धन योजना वाली बैंक अकाउंट से लगा सकते हैं.
बैंक का अर्थ क्या है?
Bank वर्ड Italian language के Banco, Bancus या Banque से बना है। जिसका मतलब बेंच होता है।
German language के Banck वर्ड का मतलब निधि होता है। बाद में यही वर्ड Italian language के Banco French language के Bancke और British language के Bank के नाम से पूरी दुनिया में मशहूर हो गया।
इस तरह कुछ विद्वान French language के Banke वर्ड को Bank वर्ड का source मानते हैं तो कुछ विद्वानों का मानना है कि Bank वर्ड German language के Bank वर्ड से बना है।
कुछ भी हो लेकिन इस बात से इन्कार नहीं कर सकते कि आधुनिक रूप से संयुक्त पूंजी वाले banks का विकास Europe में शुरू हुआ है, वहाँ से दुनिया के दूसरे हिस्सों में फैल गया है।
बैंक की परिभाषा क्या होता है?
Oxford dictionary के आधार पर Bank पैसे देने का एक ऐसा संस्थान है। जब कोई उसके लिए अर्जी करे तो वह अपने कस्टमर को पैसे देता है।
किनले के अनुसार, |
बैंक अपने और दूसरे लोगों के लोन का व्यवसायी होता है। |
क्राउथर के अनुसार, |
बैंक वह संस्था है, जो हमेशा जमा के रूप में रूपया को लेने और उसे जमा करने वालों को cheques के जरिया रिटर्न करने के लिए तैयार रहती है। |
जॉन हैरी के अनुसार, |
Bank एक आर्थिक संस्था हैं, जिसका मकसद पैसे और क्रेडिट साधन के आदान प्रदान के द्वारा फायदा कमाना है। |
आर. पी. केन्ट के अनुसार, |
Bank एक संस्था हैं, जिसका मुख्य काम लोगों को बिना सोचे समझे धन एकत्रित करना और दूसरे लोगों को उधार देना शामिल है। |
एमएस नशतर के अनुसार, |
बैंक एक ऐसी संस्था है, जो धन को कमाऊ बनाता है। |
बैंक के कितने प्रकार होते हैं?
बैंक कितने प्रकार के होते हैं सिर्फ यह जानना महत्वपूर्ण नहीं है यह भी जानना आवश्यक है कि कौन सी बैंक की क्या परिभाषा है और उनकी क्या विशेषताएं हैं.
हम लोग बैंक की विशेषताओं के आधार पर ही उनसे लाभ को ज्यादा अर्जित कर सकते हैं.
1) वाणिज्यिक बैंक (Commercial bank)
वे बैंकिग संस्थान जो जन साधारण से जमा स्वीकार करती है और अपने ग्राहकों को थोड़े समय का loan देती है। कमर्शियल बैंक भी अलग अलग तरह के हैं। जैसे पब्लिक सेक्टर बैंक, प्राइवेट सेक्टर बैंक और foreign bank.
2) पब्लिक सेक्टर के कमर्शियल बैंक
पब्लिक सेक्टर के कमर्शियल बैंको मे ज्यादातर भागीदारी इंडियन गवर्नमेंट और इंडियन रिज़र्व बैंक की होती है। इंडियन बैंक जैसे- Bank of Baroda, Syndicate bank etc.
3) प्राइवेट सेक्टर के कमर्शियल बैंक
प्राइवेट सेक्टर के कमर्शियल बैंको में बैंको की ज्यादातर पूंजी निजी हाथों में होती है। यह बैंक सार्वजनिक कम्पनी के रूप में रजिस्टर होते हैं। जैसे- HDFC bank, Kotak bank etc.
4) विदेशी बैंक
ऐसे bank जिसका फाउंडेशन foreign में हुआ है लेकिन इनकी शाखाएं हमारे कंट्री मे भी कार्यरत हैं। जैसे- HSBC bank, American express bank etc
5) सहकारी बैंक (Cooperative bank)
जब एक cooperative समिति banking business करती है तो इसे cooperative bank कहते है। Cooperative bank आम तौर पर कम interest rate पर loan देती है। इन बैंकों का कंट्रोल और guidance भी RBI करता है। जैसे – Central cooperative bank और state cooperative bank etc
6) विकास बैंक
विकास बैंकों का फाउंडेशन RBI के सहयोगी संस्थानों के तौर पर की गई। विकास बैंक वह वित्तीय संस्थान हैं जो उद्योगों को मध्य अवधि एवं ज्यादे समय के लिए loan देते हैं। जैसे-Indian Industrial Finance Corporation, State finance corporation और Indian industrial development bank etc
7) विशेष उद्देश्य बैंक
कुछ बैंक ऐसे हैं जो किसी खास गतिविधि या खास एरिया में काम करते हैं इसलिए इन्हें विशेष उद्देश्य बैंक कहते हैं। जैसे- Import Export Bank of India, Small Industries Development Bank of India, Agriculture and Rural Development Bank etc.
8) केन्द्रीय बैंक (Central bank)
हर देश में एक बैंक को banking system के guidance और regulation की responsibility दिया जाता है। इसे सेंट्रल बैंक कहते हैं। यह सबसे उच्च बैंक है और इसे higher financial rights मिले होते हैं। भारत में सेंट्रल बैंकिंग प्राधिकारी इंडियन रिजर्व बैंक है। यह आम लोगों से सीधा लेन देन नहीं करता यह बैंकों का बैंक है।
इसमें सभी बैंकों के जमा खाते होते हैं। यह बैंकों को जरूरत पड़ने पर advance amount देता है। यह रुपया और साख की amount को regulate करता है और सभी बैंकों के मुद्रा संबंधी लेन देन की जाँच और कंट्रोल करता है।
रिजर्व बैंक गवर्नमेंट के बैंकर की किरदार भी निभाता है और सरकारी प्राप्तियां, भुगतानों और अलग अलग sources से लिए गए loan का विवरण रखता है। यह सरकार को मौद्रिक एवं साख नीति के संबंध में सलाह देने और बैंकों के जरिया स्वीकार किए जाने वाली जमा राशि और दिये जाने वाले loan पर interest के rate भी तय करता है।
यह देश मुद्रा, विदेशी मुद्रा के भंडारों, सोना और दूसरे कीमती कागजात के रखवाले का काम भी करता है। रिजर्व बैक करेंन्सी नोट जारी करने और मौद्रिक आपूर्ति के regulation का काम भी करता है।
भारत में सबसे बड़ा Bank कौन सा है?
इंडिया का सबसे बड़ा बैंक State Bank of India है। यह इंडिया का सबसे बड़ा commercial bank है अभी के वक्त में इसे इंडियन गवर्नमेंट के द्वारा adopt किया गया है।
इसका headquarter Mumbai में है। State bank की देश में asset value लगभग US$881.95 बिलियन के आस पास है। 2018 वित्तीय साल में इसकी लगभग 14000 शाखाएँ हैं। लगभग 36 देशों में इसकी 190 अंतरराष्ट्रीय शाखाएं है।
SBI की शुरुआत 1806 में Bank of kolkata से हुई थी। Asia Pacific के अंतर्गत ये सबसे पुरानी बैंक है। ये अपने network के द्वारा बहुत से बैंकिंग प्रोडक्ट और वित्तीय सेवाएं देती है।
बैंकिंग क्या होता है?
Bank अपने customer के द्वारा deposit किये गए पैसों को ऐसे जगहों लोन के रूप में में निवेश करता है, जहाँ से उन्हें profit हो, और वो customer को ब्याज भी देता है।
बैंक की विशेषताएँ
- ये Individual, Firm या कोई Company हो सकती है।
- यह एक लाभ और service oriented संस्था होता है।
- यह borrowers और lenders के बीच में एक connecting link के तौर पर काम करता है।
- ये पैसों का business करता है।
- यह public से deposit स्वीकार करता है।
- यह customers को advances/ loans/ credit देता है।
- ये payment और withdrawal सुविधा देता है।
- ये agency और utility सुविधा भी देता है।
- बैंक अर्थव्यवस्था को जीवित रखने का कार्य करता है।
- बैंक के लोन से रोजगार के अवसर खुलता है और नया बिजनेस शुरू होता है।
बैंक के कार्य
Bank के कई कार्य हैं। उनमें कुछ मुख्य कार्य हैं। ये कार्य दो भागों में बंटे हुए हैं।
- Primary functions of bank
- Secondary functions of bank.
Primary Functions of Bank
Primary functions भी दो भागों में बंटे हुए हैं-
- Deposit करना
- Customer जो पैसे बैंक को देता है। इसे ही deposit करना कहते हैं। Deposits भी कई तरह के होते हैं.
- Saving Deposit
- Fixed Deposit
- Current Deposit
- Recurrent Deposit
- ऋण और अग्रिम की मंजूरी प्रदान करना.
इसमें bank एक समय निर्धारित ब्याज पर दूसरों को रुपया देता है। Bank के जरिया बहुत कुछ consideration करने के बाद और साथ में बैंक की लाभ को सुरक्षित करने के बाद ही कोई भी loan amount pass होता है। Bank अपने customer को advance भी देता है।
Secondary Functions of a Bank
Secondary functions में public को सोने के सिक्के बेचना, उन्हें इंश्योरेंस प्रोडक्ट और म्यूच्यूअल फंड प्रोडक्ट आदि बेचना है।
1) एजेंसी के कार्य
Bank अपने customers के लिए एक तरह से एजेंट होते हैं। ये अपने customer के बदले पैसे invest करते हैं। एक एजेंट के तौर पर ये customer के बहुत से काम करते हैं। जैसे- फंड transfer करना, चेक जमा करना, Periodic payments करना, Portfolio management करना, periodic collections करना, और दूसरे एजेंसी काम करना।
2) सामान्य उपयोगिता कार्य
Bank के बहुत से उपयोगी कार्य हैं। जैसे- Drafts issue करना, Letter of credits, Locker की सुविधा देना, shares की underwriting करना, Foreign exchange से deal करना, Project reports, Social welfare programs चलाना, और दूसरे उपयोगी कार्य करना।
Conclusion Points
अंत में, बैंक हमारी अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। वे व्यवसायों और उपभोक्ताओं को loan प्रदान करते हैं, और वे हमारी अर्थव्यवस्था में धन के प्रवाह को बनाए रखने में मदद करते हैं।
वे अन्य सेवाएं भी प्रदान करते हैं, जैसे चेकिंग और बचत खाते, क्रेडिट कार्ड और निवेश सेवाएं। तो बैंक क्या है? बैंक एक वित्तीय संस्थान है जो हमारी अर्थव्यवस्था को मजबूत रखने में मदद करता है।
उम्मीद है कि बैंक की परिभाषा से संबंधित ये आर्टिकल आपको पसंद आया होगा इससे संबंधित कोई प्रश्न हो तो आप कमेंट करके पूछ सकते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
बैंक से आप क्या समझते हैं?
उत्तर: बैंक एक वित्तीय संस्था होती है जो विभिन्न प्रकार की वित्तीय सेवाएँ प्रदान करती है, जैसे कि जमा, लोन, क्रेडिट और डेबिट कार्ड जारी करती है।
बैंकिंग का सिंपल डेफिनेशन क्या है?
उत्तर: बैंकिंग का सिंपल डेफिनेशन है – वित्तीय संस्थानों द्वारा वित्तीय सौदों और वित्तीय सेवाओं का प्रबंधन और लेन-देन करता है।
बैंकर किसे कहते हैं?
उत्तर: बैंकर व्यक्ति को कहते हैं जो एक बैंक में वित्तीय सेवाओं के प्रबंधन और व्यवस्थन में शामिल होता है।
संक्षिप्त में बैंक का अर्थ क्या है?
उत्तर: संक्षिप्त में “बैंक” का अर्थ होता है – “जमा और ऋण का संचय” या अधिाकोष।
बैंक का फुल फॉर्म क्या होता है?
उत्तर: बैंक का फुल फॉर्म होता है “बॉरोइंग, एकसेप्टिक, नेगोशिएटिंग और कोडिंग”।
सहकारी बैंक किसे कहते हैं?
उत्तर: सहकारी बैंक वह बैंक होता है जो, सहकारी संगठनों और उनके सदस्यों के लाभ के लिए संचालित होता है, और यह सहकारी तत्वों के माध्यम से अपना पूंजी जुटाता है और फाइनेंशियल सर्विस प्रदान करता है।