Bank Mein Account Kitne Prakar Ke Hote Hain? जानिए
भारत में bank account kitne prakar ke hote hain क्या आप इसकी जानकारी चाहते हैं? अगर आपका जवाब हां है तो, आप सर्वश्रेष्ठ लेख तक पहुंच चुके हैं.
आर्टिकल को पढ़ने के बाद आप सभी प्रकार के बैंक अकाउंट के बारे में व्यापक जानकारी प्राप्त करने में समर्थ होंगे.
अगर आप यह प्रश्न पूछते हैं कि भारतीय बैंकों में कितने प्रकार के अकाउंट होते हैं? मेरा उत्तर होगा 8, जिसे आप नीचे टेबल में पढ़ सकते हैं.
खाते के प्रकार | In English | |
1 | बचत खाता | Savings account |
2 | चालू खाता | Current account |
3 | वेतन खाता | Salary account |
4 | सावधि जमा खाता | Fixed deposit account |
5 | आवर्ती जमा खाता | Recurring deposit |
6 | एनआरआई अकाउंट | NRI Account |
7 | जन धन योजना अकाउंट | Jan Dhan Yojana Account |
8 | किसान क्रेडिट कार्ड अकाउंट | Kisan Credit Card Account |
नोट – भारत में कई अलग-अलग नीतियों वाली बैंकों एक लंबी फेहरिस्त है, उन बैंकों में कुछ बैंक खातों के नाम अलग हो सकते हैं.
बैंक खाता क्या होता है? बैंक खाते आपके पैसे को सुरक्षित रखने में आपकी मदद करता है, साथी आपके जमा राशि पर ब्याज भी देता है.
अगर आप अपने रुपया को घर में रखते हैं तो उससे ना तो आपको कोई ब्याज नहीं मिलता है. ना ही आप उसे किसी के पास बड़े ही आसानी से भेज सकते हैं.
बैंक खाता आपको रुपया रखने का एक सुरक्षित माध्यम प्रदान करने के साथ-साथ उसे एक स्थान से दूसरे स्थान या व्यक्ति तक भेजने की सुविधा देता है. इसके अलावा आपको महंगाई दर के अनुसार उचित बयाज भी देता है जिससे आपका रुपया बढ़ते रहता है.
Bank Account Kitne Prakar Ke Hote Hain?
भारत में बैंकों को चार श्रेणियों में बांटा जाता है – निजी बैंक, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक या राष्ट्रीयकृत बैंक, विदेशी बैंक और सहकारी बैंक. इन चारों प्रकार के बैंकों में भारतीय नागरिक अपना खाता को खुलवा सकते हैं.
आपको अपने लिए एक उचित बैंक खाता का चुनाव करना चाहिए ताकि आप ज्यादा से ज्यादा फायदा उठा सकें. आप अपने लिए निम्नलिखित 8 प्रकार के बैंक खातों में से किसी एक का चुनाव कर सकते हैं.
आइए आप विस्तार से जानते हैं कि भारतीय नागरिक के लिए कितने प्रकार का बैंक खाता होता है.
1) बचत खाता (Savings account)
Savings account को ही हिंदी में बचत खाता कहा जाता है. नाम से ही स्पष्ट है कि आप अपने कमाई से बचत करने के लिए यह खाता खुलवा सकते हैं.
अगर आप भारतीय नागरिक हैं. आपके पास आधार कार्ड और पैन कार्ड है तो आप किसी भी बैंक में अपना बैंक अकाउंट खुलवा सकते हैं.
सेविंग अकाउंट किसके लिए जरूरी है? अगर आपके पास कुछ पैसे घर में ऐसे ही पड़े रहते हैं तो आपको अवश्य ही सेविंग अकाउंट खुलवा लेना चाहिए.
अगर आपको लगता है कि किसी सरकारी संस्था या किसी व्यक्ति से बैंकिंग के माध्यम से रुपया लेना हो तो उसके लिए भी आपको सेविंग अकाउंट खुलवा लेना चाहिए.
अगर आपको लगता है कि मेरे घर या पॉकेट से रुपया चोरी हो जाएगा या असुरक्षित महसूस करते हैं तो अपने धन को सुरक्षित करने के लिए आप सेविंग अकाउंट खुलवा सकते हैं.
सेविंग अकाउंट में कितना ब्याज मिलता है? सेविंग अकाउंट में ब्याज दर सबसे कम मिलता है. मौजूदा समय आपको 2.70% प्रतिवर्ष ब्याज मिलेगा.
सेविंग अकाउंट में कितना रुपया जमा कर सकते हैं? आपके पास जितना भी रुपया हो उसे आपसे भी अकाउंट में जमा कर सकते हैं. कोई ऊपरी सीमा नहीं है. हालांकि अगर आपके बैंक अकाउंट में ज्यादा रुपया जमा हो जाएगा तो बैंक वाले आपको केवाईसी करवाने के लिए कहेंगे.
बैंक खाता कैसे खुलवाएं? आप बैंक खाता घर बैठे इन दिनों ऑनलाइन भी खुलवा सकते हैं. इसके अलावा बैंक के ब्रांच में भी जा कर के आप खाता खुलवा सकते हैं.
जब भी आप बैंक के ब्रांच में जाएं तो अपने साथ अपना फोटो आधार कार्ड एवं पैन कार्ड के साथ जाएं.
किस बैंक के सेविंग अकाउंट में सबसे ज्यादा इंटरेस्ट मिलता है? भारत में कई नई बैंक है जो सबसे ज्यादा इंटरेस्ट रेट देता है. यह ऑफर समय समय बदलते रहता है. आपको इसके लिए खुद से गूगल करना होगा.
सेविंग अकाउंट को मेंटेन करने के लिए कितना फीस लगता है? भारत में हर बैंक का अलग-अलग प्रकार का शुल्क है. जब कभी आप किसी बैंक से खाता खुलवाएं तो कोशिश करें कि जीरो बैलेंस वाला खाता खुलवाएं.
अगर आप प्रधानमंत्री जन धन योजना या जीरो बैलेंस के तहत अपना खाता खुलवा ते हैं तो ऐसे मैं आपको ज्यादा कोई चार्ज नहीं लगेगा.
क्या सेविंग अकाउंट में नेट बैंकिंग और एटीएम मिलता है? जी हां दोस्तों लगभग सभी बैंक के सेविंग अकाउंट में इन दिनों नेट बैंकिंग, यूपीआई, मोबाइल बैंकिंग एवं एटीएम मिलता है.
2) करंट अकाउंट (Current Account)
करंट अकाउंट को हिंदी में चालू खाता कहा जाता है. जो लोग भी छोटे या बड़े से बड़े बिजनेस करते हैं वह करंट अकाउंट ही खुलवाते हैं.
करंट अकाउंट में आप चाहे जितना भी ट्रांजैक्शन कर लें इसमें से कोई भी दिक्कत नहीं होता है. करंट अकाउंट को माना ही जाता है कि यह एक बिजनेस अकाउंट है. याद रखिएगा कि बिजनेस में जो लाभ होता है उसमें से टैक्स लगता है.
इसके विपरीत सेविंग अकाउंट में यह माना जाता है कि जो भी रुपए जमा किया गया है. वह आपका इनकम है और कुल इनकम का इनकम टैक्स लगता है.
चालू खाते में कितना पैसा डाला जा सकता है इसकी कोई सीमा नहीं है. चालू खातों में भी लेन-देन की कोई सीमा नहीं होती है.
क्या मैं दुकानदार हूं तो मुझे करंट अकाउंट खुलवाना चाहिए? आपका बिजनेस चाहे बहुत छोटा सा हो या बहुत बड़ा सा हो दोनों ही स्थिति पर आपकी समझदारी करंट अकाउंट खुलवाने में ही है.
करंट अकाउंट के कुछ नेगेटिव प्वाइंट क्या है? करंट अकाउंट में आपको बैंक द्वारा दिए गए न्यूनतम सीमा का रुपया हमेशा रखना होगा. करंट अकाउंट में ब्याज बहुत ही कम होता है.
करंट अकाउंट के क्या लाभ हैं? करंट अकाउंट को टैक्स के आधार पर इसे बिजनेस अकाउंट के तौर पर देखा जाता है. दूसरी बात कि अगर आप करंट अकाउंट से ज्यादा ट्रांजैक्शन करते हैं तो आपको बिजनेस लोन मिलने में आसानी होगा.
अगर आप अपने करंट अकाउंट को अच्छे से मेंटेन करते हैं तो आपको ओवरड्राफ्ट कर लेती भी मिल जाता है. यानी कि आपके बैंक अकाउंट में रुपया नहीं भी है तो भी आप दूसरे को ट्रांसफर कर सकते हैं. आप उतने ही पैसे ओवरड्राफ्ट के द्वारा भेज सकते हैं जितना का आपको लिमिट मिला है.
3) सैलेरी अकाउंट ( Salary Account)
सैलरी अकाउंट को हिंदी भाषा में वेतन खाता कहा जाता है. ये खाते बैंकों द्वारा बड़े निगमों और व्यवसायों के अनुरोध पर खोले जाते हैं.
जो अपने कर्मचारियों को बैंकों के माध्यम से भुगतान करते हैं. प्रत्येक कर्मचारी एक वेतन खाता बनाए रखने के लिए पात्र है, जिसमें वे जिस कंपनी में कार्यरत हैं, वह मासिक वेतन क्रेडिट करता है.
सैलरी अकाउंट में कितना पैसा डाला जा सकता है इसकी कोई सीमा नहीं होता है. प्रत्येक कर्मचारी को अपने कर्मचारियों से संवितरण के आधार पर वेतन मिलता है. इस तरह के बैंक खाते के बीच दूसरे के साथ लेनदेन करने के लिए कर्मचारियों द्वारा स्वतंत्र लेनदेन किया जा सकता है.
वेतन खाता एक शून्य शेष खाता है और कर्मचारी किसी भी समय खाते में जमा किए गए सभी धन को निकाल सकते हैं. कर्मचारियों को वेतन खातों पर कोई खास ब्याज नहीं मिलता है.
नौकरी छूट जाने के बाद भी सैलरी अकाउंट रहता है या बंद हो जाता है? नौकरी छूट जाने की स्थिति में 3 महीने के बाद बैंक आपके सैलरी अकाउंट को सेविंग अकाउंट में बदल देता है. कभी कभार इस प्रोसेस में देरी भी देखा जाता है.
4) एनआरआई खाता (NRI Account)
ये खाते अनिवासी भारतीयों द्वारा खोले जाते हैं जो भारत में एक वित्तीय बैंक खाता बनाए रखना चाहते हैं. तीन प्रकार के एनआरआई खाते खोले जा सकते हैं जो निम्नलिखित हैं.
A – गैर-आवासीय साधारण खाता (एनआरओ) – ये खाते भारतीय रुपया मूल्यवर्ग में जमा रखते हैं. जमा किया गया धन भारत में अर्जित आय से है.
एनआरओ खाते में कितना पैसा डाला जा सकता है इसकी कोई सीमा नहीं है. किसी भी राशि का संतुलन बनाए रखा जा सकता है. मूलधन और उस मूलधन पर अर्जित ब्याज कर योग्य श्रेणी के अंतर्गत आता है.
ये खाते रूपांतरण की दर से अप्रभावित रहते हैं. एक एनआरआई एनआरओ खाते के माध्यम से एक चालू खाता, एक बचत खाता या एक सावधि जमा खाता खोल सकता है.
B – गैर-आवासीय बाहरी खाता (एनआरई) – ये खाते भारतीय रुपया मूल्यवर्ग में जमा रखते हैं. हालाँकि, जमा किया गया धन भारत में अर्जित आय से नहीं है; दूसरे शब्दों में, जमा किया गया पैसा उस देश से कमाई या बचत है, जहां अनिवासी भारतीय रहता है.
एनआरई खाते में कितना पैसा डाला जा सकता है, इसकी कोई सीमा नहीं है. किसी भी राशि की शेष राशि को बनाए रखा जा सकता है.
मूलधन और उस मूलधन पर अर्जित ब्याज कर योग्य श्रेणी के अंतर्गत नहीं आता है. ये खाते रूपांतरण की दर में संभावित परिवर्तन के प्रभाव को सहन करते हैं.
एक एनआरआई एनआरई खाते के माध्यम से एक चालू खाता, एक बचत खाता या एक सावधि जमा खाता खोल सकता है.
C – विदेशी मुद्रा गैर-आवासीय खाता (एफसीएनआर) – ये खाते भारत के केंद्रीय बैंक, भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा अनुमोदित मुद्रा में जमा रखते हैं. कोई भी एनआरआई या भारतीय मूल का व्यक्ति एक स्वीकृत मुद्रा में जमा राशि रख सकता है जिसमें वे अपनी आय अर्जित करते हैं.
यदि आय मुद्राओं की स्वीकृत सूची के अलावा किसी अन्य मुद्रा में अर्जित की जाती है, तो आय या जमा की जाने वाली आय के रूपांतरण के लिए एक स्वीकृत मुद्रा का चयन किया जाता है. एफसीएनआर खातों को अक्सर एफसीएनआर (बी) खाते कहा जाता है जहां (बी) बैंकों के लिए होता है.
इस खाते में कितना पैसा डाला जा सकता है, इसकी कोई सीमा नहीं है. किसी भी राशि का संतुलन बनाए रखा जा सकता है.
मूलधन और उस मूलधन पर अर्जित ब्याज कर योग्य श्रेणी के अंतर्गत नहीं आता है. ये खाते रूपांतरण की दर में संभावित परिवर्तन का प्रभाव वहन करते हैं.
एक एनआरआई एफसीएनआर खाते के माध्यम से केवल एक वर्ष की न्यूनतम परिपक्वता अवधि वाला सावधि जमा खाता खोल सकता है.
5) आवर्ती जमा खाता (Recurring Deposit)
ये खाते उन उपभोक्ताओं द्वारा जमा खाते के रूप में खोले जाते हैं जो अपने पैसे पर ब्याज अर्जित करने में रुचि रखते हैं. आम तौर पर आरडी (Recurring Deposit) के रूप में जाना जाता है, ये खाते बचत खातों द्वारा दी जाने वाली आय से अधिक आय अर्जित करने के सबसे आसान तरीके है.
आरडी खोलने की न्यूनतम सीमा एक बैंक से दूसरे बैंक में भिन्न होती है। उपभोक्ता न्यूनतम 1,000 रुपये प्रति माह की सीमा का विकल्प चुन सकते हैं और अपनी पसंद के किसी भी बैंक में आरडी खाता खोल सकते हैं.
आरडी जमा खाते हैं जो उपभोक्ताओं को खाते के कार्यकाल की शुरुआत में निर्धारित मासिक राशि एकत्र करने की अनुमति देते है.
हर महीने एक निश्चित राशि काटकर आरडी खाते में जमा की जाती है, जहां उसे हर महीने ब्याज मिलता है. यह ब्याज अक्सर बचत खातों से अधिक होता है.
आरडी का लचीला कार्यकाल इसे उपभोक्ता के अनुकूल वित्तीय निर्णय बनाता है. उपभोक्ता आरडी में अपना पैसा जमा करने और जमा राशि पर ब्याज अर्जित करने के लिए छह महीने से लेकर 10 साल तक का विकल्प चुन सकते हैं.
अर्जित ब्याज को खोए बिना कार्यकाल के अंत से पहले आरडी खातों को बंद किया जा सकता है. यह खाता उन लोगों के लिए सबसे बेहतरीन साबित हो सकता है जो बैंक से ज्यादा ब्याज धन को अर्जित करना चाहते हैं.
6) सावधि जमा खाता
(Fixed Deposit)
ये खाते परिपक्वता तक एक निश्चित अवधि के लिए जमा पर ब्याज अर्जित करने के लिए खोले जाते हैं. निष्क्रिय धन पर ब्याज बचाने और अर्जित करने के लिए सावधि जमा सबसे सुरक्षित वित्तीय साधनों में से है.
सावधि जमा खाते में कितना पैसा डाला जा सकता है, इसकी कोई सीमा नहीं है। धन आवंटन जितना अधिक होगा, खाते के कार्यकाल के अंत में उतना ही अधिक ब्याज का भुगतान किया जाएगा.
इस जमा पर बैंक ब्याज देता है. यह ब्याज FD की अवधि पूरी होने के बाद चुकाया जाता है. अपने कार्यकाल के बीच में FD तोड़ने पर, उपभोक्ताओं को ब्याज खोने का जोखिम होता है और अक्सर उन्हें केवल मूल राशि ही प्राप्त होती है.
FD उच्च रिटर्न के साथ जोखिम मुक्त निवेश हैं। भारत में अधिकांश बैंक बचत खातों की ब्याज दरों और आरडी की ब्याज दरों की तुलना में अधिक FD ब्याज दर की पेशकश करते हैं, क्योंकि FD के मामले में बैंक को निश्चित अवधि के लाभ का लाभ मिलता है.
बैंक एक निश्चित अवधि के लिए बड़ी रकम रख सकते हैं और उपभोक्ता उच्च अस्थिरता-मुक्त रिटर्न कमा सकते हैं, जिससे वित्तीय साधन बैंकों और उपभोक्ताओं के लिए फायदे का सौदा बन जाएगा.
7) किसान क्रेडिट कार्ड खाता
भारत में ज्यादातर किसानों के पास किसान क्रेडिट कार्ड खाता होता है. यह खाता लगभग भारत के सभी बैंकों में खुलता है, जिसमें किसानों को मात्र 4% ब्याज प्रति वर्ष दर पर ₹400000 तक का लोन मिलता है.
अगर आप किसान हैं या आप कोई कोई संबंधी किसान हैं तो उनको किसान क्रेडिट कार्ड का खाता जरूर खुलवाना चाहिए.
8) जनधन योजना खाता
जनधन खाता उन लोगों के लिए है जिसका कभी भी किसी प्रकार का कोई बैंक खाता ना हो. इसे कोई लोग जीरो बैलेंस खाता भी कहते हैं क्योंकि इस अकाउंट में बैलेंस मेंटेन करने की आवश्यकता नहीं है.
Conclusion Points
आपको भी राष्ट्र के प्रति अपनी आर्थिक योगदान के लिए बैंक खाता खुलवाना ही चाहिए. अगर आप ऊपर लिखे 6 खातों में से कोई भी एक या दो खाता खुलवा ते हैं तो ऐसे में देश का अर्थव्यवस्था मजबूत होगा.
याद रखिए अगर देश आर्थिक तौर पर मजबूत होगा तो आप भी मजबूत बनेंगे. अगर आप बैंक के खाता खुलवा ते हैं और उसमें अपना धन जमा करते हैं तो आपका धन पहले से ज्यादा सुरक्षित रहेगा.
इसके अतिरिक्त आप अपने पैसे को एक जगह से दूसरे जगह भेजने में भी बैंक के द्वारा दी गई सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं.
अगर आप घर में पैसे को ऐसे ही रख देंगे तो आपको कोई भी ब्याज नहीं मिलेगा. इसी पैसे को अगर बैंक में जमा कर देंगे कुछ ना कुछ आपको बयान जरूर मिलेगा.
अगर आप बिजनेस से पैसे नहीं कमाते हैं तो आपको सेविंग अकाउंट खुलवाना चाहिए. अगर आप छोटे-मोटे बिजनेस में इंवॉल्व हैं तो आपको सेविंग अकाउंट की ओर जाना चाहिए. अगर आपके पास से भी अकाउंट है तो भी आप करंट अकाउंट या फिक्स डिपाजिट अकाउंट खुलवा सकते हैं.
FAQs
आशा करता हूं कि आप को bank me account kitne prakar ke hote से संबंधित जानकारी आपको मिल गया होगा फिर भी मैंने आपके ज्ञान बढ़ाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर को शामिल किया है.
Question – Khata kitne prakar ke hote hain?
Answer – आमतौर पर, व्यक्तियों और व्यवसायों के लिए तीन मुख्य प्रकार के बैंक खाते उपलब्ध हैं: बचत खाते, चालू खाते और सावधि जमा खाते। किंतु सरकारी योजना एवं बैंकों के द्वारा अलग-अलग दिए जाने लाभ की वजह से यह संख्या बढ़कर के 8 हो गई है.
Question – Account kitne prakar ke hote hain?
Answer – लेखांकन में, Account की संख्या को कई अलग-अलग श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है जिनका उपयोग कंपनी के सामान्य खाता बही में लेनदेन रिकॉर्ड करने के लिए किया जाता है।
सामान्यतया, तीन मुख्य प्रकार के खाते हैं – व्यक्तिगत, वास्तविक और नाममात्र। व्यक्तिगत खाते उन व्यक्तियों या संस्थाओं पर नज़र रखने के लिए बनाए गए हैं जिनके साथ कंपनी का वित्तीय संबंध है।
वास्तविक खाते मूर्त संपत्ति जैसे नकदी, इन्वेंट्री, भवन और उपकरण का संदर्भ देते हैं जो कंपनी के स्वामित्व या उसके पास होते हैं।
Question – Bank account kitne prakar ke hote hain?
Answer – इस प्रश्न का उत्तर काफी हद तक विशिष्ट वित्तीय संस्थान पर निर्भर करता है, क्योंकि विभिन्न बैंक विभिन्न प्रकार के बैंक खातों की पेशकश करते हैं। सामान्यतया, चालू खातों, बचत खातों, सावधि जमा खातों, ट्रस्ट खातों और मनी मार्केट खातों के बीच अंतर किया जा सकता है।
Question – बैंक में कितने प्रकार के खाते खोले जा सकते हैं?
Answer – अगर भारतीय बैंकों की बात करें तो कुल मिलाकर के 8 प्रकार के खाते खुलवा सकते हैं जिनके नाम निम्नलिखित हैं:
- बचत खाता
- चालू खाता
- वेतन खाता
- सावधि जमा खाता
- आवर्ती जमा खाता
- एनआरआई अकाउंट
- जन धन योजना खाता
- किसान क्रेडिट कार्ड खाता.
Question – सेविंग अकाउंट कितने प्रकार के होते हैं?
Answer – मुख्य रूप से सेविंग अकाउंट के 7 प्रकार होते हैं जो आपके लिए निम्नलिखित है:
- नियमित बचत खाता
- जीरो बैलेंस
- महिला बचत खाता
- बच्चों का बचत खाता
- वरिष्ठ नागरिकों का बचत खाता
- पारिवारिक बचत खाता
- वेतन आधारित बचत खाता.
Question – करंट अकाउंट कितने प्रकार के होते हैं?
Answer – करंट अकाउंट मुख्य रूप से पांच प्रकार के होते हैं जो आपके लिए निम्नलिखित हैं:
- प्रीमियम चालू खाता
- मानक चालू खाता
- पैकेज्ड चालू खाता
- फॉरेन करेंसी चालू खाता
- सिंगल कॉलम कैश बुक खाता
Question – वेतन अकाउंट कितने प्रकार के होते हैं?
Answer – मुख्य रूप से सैलरी अकाउंट पांच प्रकार के होते हैं जो आपके लिए निम्नलिखित हैं:
- प्रीमियम वेतन खाता
- नियमित वेतन खाता
- रक्षा वेतन खाता
- वेतन परिवार खाता
- क्लासिक वेतन खाता
Question – सैलरी अकाउंट में कितना पैसा रख सकते हैं?
Answer – Salaried Account में रखी जा सकने वाली धनराशि प्रत्येक व्यक्तिगत वित्तीय संस्थान के विशिष्ट दिशानिर्देशों और विनियमों पर निर्भर करती है. हालांकि सैलरी अकाउंट में अलग से कोई ज्यादा पैसा जमा नहीं करना चाहिए.
Question – करंट अकाउंट में कितना पैसा रख सकते हैं?
Answer – जब चालू खातों के लिए अधिकतम जमा सीमा की बात आती है तो बैंकों की अपनी व्यक्तिगत नीतियां होती हैं.
इस प्रकार इस मामले के बारे में अधिक जानकारी के लिए संबंधित वित्तीय संस्थान से परामर्श करने की अनुशंसा की जाती है. अन्य किसी भी बैंक खाते की अपेक्षा यहां पर आप ज्यादा रुपया रख सकते हैं.
Question – सेविंग अकाउंट में कितने पैसे रख सकते हैं?
Answer – सलाह दी जाती है कि सेविंग अकाउंट में ज्यादा पैसा नहीं रखनी चाहिए. सेविंग अकाउंट का मतलब यह होता है कि आपका बचत राशि वहां पर जमा होता है.
जितना का अपटेक्स दे पाएंगे उतना ही रुपए को सेविंग अकाउंट में होना चाहिए फिर भी आपको अपने बैंक से परामर्श कर लेना चाहिए.
Question – बैंकों में ग्राहकों के पैसे किन-किन खातों में जमा होते हैं?
Answer – भारतीय बैंकों में देखा जाए तो मुख्य रूप से ग्राहकों के निम्नलिखित 8 अकाउंट में पैसे जमा होते हैं जिनके नाम निम्नलिखित हैं:
- बचत खाता
- चालू खाता
- वेतन खाता
- सावधि जमा खाता
- आवर्ती जमा खाता
- एनआरआई अकाउंट
- जन धन योजना खाता
- किसान क्रेडिट कार्ड खाता.