अस्सलाम वालेकुम, मैं सरफराज नशतर आपका Rinkarj.com वेबसाइट पर खुशामदीद करता हूं. क्या आप Islamic Bank Se Loan Lene Ka Tarika को सर्च कर रहे हैं?
अगर हां तो, आप एक बेहतरीन वेबसाईट तक पहुंच चुके हैं. किस आर्टिकल में आपको भारत में स्थापित इस्लामिक बैंक के काम करने का तरीका बताऊंगा.
जिससे कि आप भरे ही आसानी से समझ जाएंगे कि इस्लाम में बैंक से लोन लेने का सही तरीका क्या होता है? आइए, आगे बढ़ते हैं.
तकवा फाइनेंसियल सर्विस: भारत में स्थापित पहला इस्लामिक बैंक कैसे काम करता है?
तकवा फाइनेंसियल सर्विस नाम का एक इस्लामिक बैंक भारत में मौजूद है. जो कर्नाटक सरकार से मान्यता प्राप्त बैंक है, इसके ब्रांच बेंगलुरु, भटकल और दिगर शहरों में है.
यह बैंक का काम करने का तरीका बिल्कुल इस्लामिक फिलॉसफी पर आधारित है. यह बैंक लोन भी देती है. लेकिन उसके लिए किसी प्रकार का ब्याज (intrest free) नहीं लेती है.
उसी तरह अगर कोई उस बैंक में पैसा जमा करता है तो उसके बदले भी ब्याज नहीं देती है. आपको लग रहा होगा कि बैंक आखिरकार कैसे चल रहा है. यकीन मानिए बैंक फायदा भी कमा रहा है, प्रश्न उठता है कि कैसे?
फोर व्हीलर लोन: इस्लामिक तरीका लोन लेने का समझिए
बिल्कुल सही बता रहा हूं कि यह बैंक किसी प्रकार का ब्याज नहीं लेती है. अगर कोई मुस्लिम व्यक्ति उस बैंक से फोर व्हीलर लोन लेता है तो उसे किसी प्रकार का ब्याज नहीं देना होता है.
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उदाहरण से आपको समझाता हूं, मान लिया जाए कि किसी व्यक्ति ने लोन के लिए अप्लाई किया और उसे बैंक ने ₹100000 लोन दे दिया.
उस ₹100000 से उन्होंने कोई गाड़ी खरीदा लेकिन लोन अदायगी से पहले तक गाड़ी का मालिकाना हक बैंक के पास ही होता है.
बैंक से सहमति बना कि आप को प्रति महीने ₹10000 मासिक किस्त के तौर पर बैंक के पास जमा करना है. जो व्यक्ति गाड़ी खरीद करके भाड़े पर चला रहा है या खुद का इस्तेमाल कर रहा है.
उस व्यक्ति ने अगर लगातार 10 महीने तक पूरा मासिक किस्त देखकर के लोन अदा कर देता हो. ऐसा सूरत में बैंक गाड़ी का मालिकाना हक उस व्यक्ति के नाम पर ट्रांसफर कर देता है.
अब रही बैंक की बेनिफिट की बात, बैंक लोन प्रोसेसिंग और डॉक्यूमेंटेशन के नाम पर कुछ मामूली फीस लेती है, जिससे बैंक के कर्मचारियों का खर्च चल जाता है.
इस्लामिक बैंक के पास लोन देने के लिए पैसे कहां से आता है?
तकवा बैंक के ऑफिशियल साइट पर, अगर विजिट करेंगे तो, पता चलेगा कि सेविंग अकाउंट में पैसे जमा करने पर ब्याज नहीं मिलता है.
साथ ही जिनके सेविंग अकाउंट में ज्यादा पैसा जमा होता है, उसका जकात भी निकलता है. सेविंग अकाउंट के मालिक चाहे तो बैंक को जकात के रूप में भी रुपया दे सकता है.
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इस तरह से बैंक के पास अच्छा खासा लिक्विड मनी जमा हो जाता है. अब आप सोच रहे होंगे कि इस प्रकार के बैंक में पैसा कौन डालेगा?
आप जानकर हैरान होंगे कि बैंक के पास इतना पैसा है कि किसी को भी यह 2 घंटे के अंदर में लोन दे देता है.
भारत का कर्नाटक राज्य एक अमीर राज्य है. वहां पर अच्छी खासी अमीर मुसलमानों की आबादी है. वे पढ़े-लिखे लोगों उस बैंक में अच्छा खासा रकम डाल कर के रखा है.
यह बैंक बड़े ही इमानदारी से गरीब मुसलमानों को लोन मुहैया करा रही है. इस बैंक की चर्चा देश में ही नहीं दुनिया में भी हो रही है.
यह बैंक कौन कौन सी सर्विस देती है? |
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बैंक का पता और कस्टमर केयर नंबर |
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Conclusion Points
मेरे ख्याल से अब आपको, लोन लेने का इस्लामिक तरीका समझ में आ गया होगा. उसको समझने के लिए किसी इस्लामिक कंट्री में जाने की जरूरत नहीं है.
भारत के कर्नाटक राज्य में स्थापित तकवा फाइनेंसियल सर्विस से आप लोन लेने या बैंक में पैसा जमा करने का इस्लामिक तरीका प्रैक्टिकल तौर पर सीख सकते हैं.
अगर इसी मॉडल को पूरे देश में स्थापित कर दिया जाए, तो शायद ही मेरे ख्याल से कोई गरीब रहेगा या फिर किसी को बिजनेस करने के लिए दर दर की ठोकर नहीं खाना पड़ेगा.
हम मुसलमान भी चाहे तो अपनी सोसाइटी में इस प्रकार के लोन मॉडल को अप्लाई कर सकते हैं. जिससे किसी भी इमरजेंसी में लोगों की मदद हो जाएगी और बेरोजगारों को बिजनेस के लिए interest free लोन मिल जाएगा.
Prithvi Nath Saajan Agra
QAIPS2739Q
hivani Shivani